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Cheetah: कूनो में बढ़ा चीतों का कुनबा, सियाया ने दिया 4 शावकों को जन्म

हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में 24 मार्च को दिल का दौरा पड़ने से 13 वर्षीय नर चीते की मौत हो गई। यह चीता सऊदी अरब के राजकुमार ने उपहार में दिया गया था

cheetah| Kuno national park
मादा चीता ने चार बच्चों को जन्म दिया (Source- Twitter/ @ChouhanShivraj)

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया है। इस संबंध में पर्यावरण मंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी साझा की है। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में सियाया मादा चीता ने चार बच्चों को जन्म दिया है। वहीं, मंगलवार (28 मार्च) को कूनो नेशनल पार्क में एक मादा चीता शाशा की किडनी इंफेक्शन से मौत हो गयी थी।

भारत लाए गए चीतों में से एक ने दिया चार शावकों को जन्म

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा कि अमृत काल के दौरान हमारे वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना। उन्होंने आगे लिखा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए चीतों में से एक के चार शावकों का जन्म हुआ है।”

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए एक चीते से पैदा हुए चार शावकों का वीडियो साझा किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैं प्रोजेक्ट चीता की पूरी टीम को भारत में चीतों को वापस लाने के उनके अथक प्रयासों और अतीत में की गई एक पारिस्थितिक गलती को सुधारने के उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।”

शिवराज सिंह चौहान ने जताई खुशी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर नन्हें शावकों के आने पर खुशी जाहिर की है। गौरतलब है कि कूनो नेशनल पार्क में आठ अफ्रीकन चीते लाए गए थे। इनमें तीन नर और पांच मादा शामिल थे। इनमें एक मादा चीता की मंगलवार को मौत हो गई। जे.एस. चौहान, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख भोपाल ने कहा, “17 सितंबर को PM मोदी द्वारा छोड़े गए 3 चीतों में से एक मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया है। जो शावक पैदा हुए हैं वो पहले भारतीय चीता हैं।”

मादा चीता शाशा की किडनी इंफेक्शन से मौत

पांच साल की मादा चीता साशा किडनी संक्रमण से पीड़ित थी। 22 जनवरी को किडनी की बीमारी से पीड़ित होने की सूचना मिली थी। बताया जा रहा है कि भारत आने से पहले ही वह किडनी की बीमारी से जूझ रही थी। नामीबिया में उसका ऑपरेशन भी हुआ था लेकिन यह बात छिपाई गई थी। कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में बने कंपार्टमेंट नंबर 5 में दो मादा चीता सवाना और सियाया के साथ मादा चीता साशा रह रही थी। 22-23 जनवरी को उसमें बीमार होने के लक्षण दिखे। जिसके बाद उसे बड़े बाड़े से छोटे बाड़े में शिफ्ट किया गया।

साशा खाना नहीं खा रही थी और सुस्त रह रही थी। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क में मौजूद तीन डॉक्टर और भोपाल से पहुंची डॉक्टरों की टीम ने जांच की तो मादा चीता की किडनी में इंफेक्शन मिला था। साशा का चीतों के सबसे बड़े विशेषज्ञ डॉ एड्रियन टोरडीफ (Adrian Tordiffe) के परामर्श से इलाज किया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जे एस चौहान ने पीटीआई-भाषा को बताया, “चीता साशा की गुर्दे के समस्या के कारण मौत हो गई क्योंकि उसका क्रिएटिनिन स्तर बहुत अधिक था। मादा चीता की सेहत करीब 6 महीने से ठीक नहीं थी। साशा का क्रिएटिनिन स्तर 400 से ऊपर था, जिससे उसकी मौत हो गई।”

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First published on: 29-03-2023 at 15:03 IST
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