भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों की तल्खी अभी कम नहीं हुई है। इस बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर समस्या का हल सिर्फ भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत से ही निकल सकता है। रविवार को महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ‘मुझे खुशी है कि लोग पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की आवश्यकता व्यक्त करने को तैयार हैं। हम चीन के साथ 9वें, 10वें दौर की वार्ता कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान से परहेज। क्या इसलिए कि वह (पाकिस्तान) एक मुस्लिम देश है? क्योंकि अब सब कुछ सांप्रदायिक हो रहा है?’ बीजेपी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि ‘वे मुसलमानों को ‘पाकिस्तानी’, सरदारों को ‘खालिस्तानी’, सामाजिक कार्यकर्ताओं को ‘अर्बन नक्सल’ और छात्रों को ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ और ‘देशद्रोही’ कहते हैं। ऐसे में मुझे यह समझ नहीं आता कि अगर हर कोई आतंकवादी और देश विरोधी है तो इस देश में ‘हिंदुस्तानी’ कौन है? केवल बीजेपी के कार्यकर्ता?’

जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने डीडीसी चुनाव को लेकर भी अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि ‘जब से हमने DDC चुनाव में भाग लेने का फैसला किया, तब से जम्मू-कश्मीर में पिछले एक-डेढ़ साल से जो ज्यादतियां हो रही थीं उनको और बढ़ाया गया। पूरे मुल्क़ में इस वक़्त अंधा कानून चल रहा है, इनके पास सबसे बड़ा हथियार UAPA बन गया है।’ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तक कश्मीर का मुद्दा सुलझ नहीं जाता, तब तक समस्या बनी रहेगी। जब तक सरकार अनुच्छेद 370 को फिर से लागू नहीं करती, यह समस्या बनी रहेगी। मंत्री आते जाते रहेंगे। केवल इस तरह से सामान्य चुनाव करवा देना कोई समाधान नहीं है।

आपको बता दें कि अभी कुछ ही दिनों पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और उनकी बेटी इल्तिजा को सुरक्षा कारणों का हवाला देकर शुक्रवार को घर से नहीं निकलने दिया गया। इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया है। हालांकि, जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा था कि महबूबा को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है।

महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा था कि वो और उनकी मां को पुलवामा स्थित पार्टी के यूथ विंग के लीडर वहीद उर रहमान पारा के घर जाना था, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर पर ही नजरबंद रखा था। गुपकार स्थित उनके घर के मुख्य गेट पर ही सुरक्षा बलों की एक बख्तरबंद गाड़ी लगा दी गई थीं और उन्हें बाहर आने नहीं दिया गया, ना ही किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। हालांकि पुलिस ने उन्हें नजरबंद करने से इनकार कर दिया था।