पीडीपी प्रमुख एवं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उम्मीद जताई कि 27 यूरोपीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को स्थानीय लोगों और सिविल सोसाइटी के लोगों से मिलने का अवसर मिलेगा। मुफ्ती ने यह बयान सोमवार (28 अक्टूबर) को दिया है। वहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘यह प्रतिनिधिमंडल फासीवाद समर्थक, दक्षिणपंथी झुकाव रखने वाला और शरणार्थी विरोधी है।’ बता दें कि यूरोपीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल मंगलवार (29 अक्टूबर) को जम्मू कश्मीर का दौरा करेंगें। मुफ्ती ने अपना यब बयान इसी संदर्भ में दिया है।

क्या कहा महबूबा मुफ्ती नेः बता दें कि मुफ्ती 5 अगस्त से नजरबंद हैं। इस बीच उनका ट्विटर हैंडल उनकी बेटी इल्तिजा चलाती हैं। मुफ्ती ने ट्वीट के जरिए इस दौरे को सरकार के लिए ‘निरंतर विदेश नीति की चूक’ और ‘कुछ न हासिल होने वाला’ करार दिया है।

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विपक्षी नेताओं को नहीं आने देने पर महबूबा मुफ्ती ने की आलोचनाः महबूबा मुफ्ती ने इस दौरों को ध्यान में रखते हुए सरकार की आलोचना भी की है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों के खत्म होने के बाद राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेताओं को कश्मीर घाटी नहीं आने देती है।

यूरोपीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल लोगों से मिले- मुफ्तीः मुफ्ती ने कहा, ‘उम्मीद है कि उन्हें (यूरोपीय संघ के सांसद) लोगों, स्थानीय मीडिया, डॉक्टरों और सिविल सोसाइटी के लोगों से मिलने का मौका मिलेगा। कश्मीर और दुनिया के बीच लोहे वाला पर्दा हटने की जरूरत है और जम्मू-कश्मीर को इस हालत में पहुंचाने के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाए।’ इस पर पीडीपी प्रमुख ने पूछा कि अमेरिकी सीनेटरों को भी ऐसा अवसर क्यों नहीं दिया जा सकता।

आतंकवादियों ने की ट्रक ड्राइवरों की हत्याः बता दें कि पिछले कई दिनों से घाटी में आतंकवादियों सेब ले जा रहे ट्रक ड्राइवरों को निशाना बना रहे हैं। आतंकवादियों ने कई ट्रक ड्राइवरों को हत्या कर दी है। बता दें कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद घाटी में तनाव का माहौल है। ऐसे में इन ट्रक ड्राइवरों की हत्या दहशत को और बढ़ावा दे रही है।