दिल्ली कांग्रेस प्रमुख शीला दीक्षित द्वारा पार्टी की सभी 280 ब्लॉक स्तरीय समितियां भंग किए जाने के अगले ही दिन एआईसीसी में राष्ट्रीय राजधानी मामलों के प्रभारी पीसी चाको ने इस फैसले को पलट दिया। बताया जा रहा है कि इस कदम से दोनों नेताओं के बीच मतभेद का संकेत मिलता है। वहीं पार्टी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के पार्टी के मामलों के प्रभारी चाको ने ब्लॉक समितियां को भंग करने पर स्थगन लगा दिया है और अपने आदेश की प्रतियां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं शीला दीक्षित को भी भेज दिया है।
कांग्रेस नेताओं ने किया ब्लॉक समितियां भंग का विरोधः बता दें कि शीला दीक्षित और पी सी चाको समेत दिल्ली कांग्रेस के अन्य नेता शुक्रवार (28 जून) को राहुल गांधी से मिले थे। गांधी ने उन्हें अगले साल के प्रारंभ में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एकजुट होकर काम करने की सलाह दी थी। दीक्षित ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के कारणों का पता लगाने के लिए स्वयं द्वारा एक रिपोर्ट बनाई थी। वहीं इस समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए गांधी से भेंट के बाद उन्होंने ब्लॉक समितियों को भंग कर दी थी। इस बीच शनिवार (29 जून) को कांग्रेस नेताओं का एक समूह कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल एवं चाको से मिला था और उसने ब्लॉक समितियां भंग करने के कदम का विरोध भी किया था।
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दीक्षित पर लगा बिना चर्चा किए समितियों को किया भंग करने का आरोपः इस मामले में वेणुगोपाल और चाको से भेंट करने गए चतर सिंह ने कहा, ‘हमने दोनों नेताओं से कहा कि ब्लॉक समितियां और उनके अध्यक्ष निर्वाचित हैं और वे विधानसभा चुनाव से पहले अचानक भंग नहीं की जा सकती हैं क्योंकि उनके बनने में ढेर सारा समय लगता है।’ ऐसा लगता है कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई अपने नेताओं के बीच मतभेद से उबर नहीं पाई है। इस बीच दीक्षित विरोधी खेमे ने दावा किया है कि दीक्षित ने चाको से चर्चा किए बगैर ही इन समितियों को एकतरफा ढंग से भंग कर दिया।