बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को Teacher Recruitment Examination (TRE-4) की भर्ती प्रक्रिया को लेकर हजारों अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग थी कि सरकार 15 सितंबर से पहले 1.20 लाख पदों पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी करे और सीटों में की गई कटौती वापस ले।
प्रदर्शन की शुरुआत गांधी मैदान से हुई, जहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों रोकने का प्रयास किया। इस दौरान अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प हुई तथा प्रदर्शनकारियों की भीड़ नारेबाजी के बीच डाकबंगला चौराहे की ओर बढ़ गई।
डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने त्रिस्तरीय बैरिकेड लगाए थे लेकिन प्रदर्शनकारी उसे तोड़ने की कोशिश करने लगे। हालात को संभालने के लिए स्थानीय अधिकारी एम. एस. खान मौके पर पहुंचे। अभ्यर्थियों ने उनसे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) से मिलवाने की गुहार लगाई। इसके बाद स्थिति और बिगड़ गई।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज भी किया। मौके पर आंसू गैस के गोले लिए जवान भी तैनात रहे।
करीब छह हजार अभ्यर्थियों की भीड़ मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने की कोशिश कर रही थी, जिससे पूरे इलाके में हालात तनावपूर्ण हो गए। पुलिस कार्रवाई के बाद अफरातफरी का माहौल बन गया। हालांकि बाद में पांच प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया गया।
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मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। इधर, टीआरई-4 को लेकर मचे बवाल पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि हम लोग पहले ही साफ कर चुके है कि टीआरई-4 के बाद ही टीआरई-5 की परीक्षा होगी। फिलहाल जितनी रिक्तियां हैं, उसी हिसाब से प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।
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