जनवरी में पठानकोट के वायु सेना स्टेशन पर हुए हमले की जांच कर रही एनआईए ने हमला करने वाले जैश ए मोहम्मद (जेईएम) के चार आतंकियों के विवरण के लिए पाकिस्तान को अनुरोध पत्र भेजा है। इस महीने के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की संभावित यात्रा से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अनुरोध पत्र भेजकर एक जनवरी और दो जनवरी की रात को भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर किए गए हमले से पहले चार आतंकियों ने जिन नंबरों पर फोन किए उनके ब्यौरे मांगे। अनुरोध पत्र विशेष अदालत के माध्यम से भेजा जाने वाला कानूनी दस्तावेज है।
एक संबंधित घटनाक्रम में ऐसा लगता है कि एयरमेन बिलेट (वायुसेनाकर्मियों के आवासीय क्षेत्र) पर कोई आतंकी मौजूद नहीं था। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को इलाके को आतंकी मुक्त कराने में 48 घंटे लगे थे। हालांकि एनआईए ने आधिकारिक रूप से मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है और उसका कहना है कि वह चंडीगढ़ स्थित सीएफएसएल की फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि एयरमेन बिलेट से कोई मानव अवशेष या गोला बारूद बरामद नहीं हुए हैं। एनआईए और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने एयरमेन बिलेट की गहन तलाशी ली है।
शुरुआती सूचना में चार आतंकियों की जानकारी दी गयी थी जिसे एनएसजी और सेना इकाइयों के साथ साझा किया गया था। सूत्रों के अनुसार हालांकि खुफिया ब्यूरो को भी तब हैरानी हुई थी जब अपने अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन ई के की मौत से हिली एनएसजी ने बिलेट से गोलीबारी किए जाने का दावा किया था और उसे खाली कराने में उसे दो और दिन लगे थे।
इसी बीच एनआईए ने अपने अनुरोध पत्र में वायु सेना स्टेशन पर आतंकियों के हमला करने से पहले उनके द्वारा घुमाये गये फोन नंबरों के ब्यौरे मांगे हैं। माना जा रहा है कि फोन नंबर आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद से जुड़े लोगों के नाम से हैं जिनमें मुल्ला दादुल्ला और कासिफ जान शामिल हैं। साझा किए गए नंबर मोबिलिंक, वारिद और टेलीनोर जैसे पाकिस्तानी टेलकॉम ऑपरेटरों के हैं।
एनआईए ने खयाम बाबर के बेटों के ब्यौरे और तस्वीरें मांगी हैं। उसका एक बेटा हमला करने वाले आत्मघाती दस्ते का हिस्सा था। सूत्रों ने कहा कि हमलावरों के प्रमुख आकाओं में से एक कासिफ जान आतंकियों को सीमा तक लेकर आया था और अभियानों के निरीक्षण के लिए लौट गया।
चारों आतंकियों के शवों को सुरक्षित रखा गया है। चारों में से दो की पहचान नसीर और सलीम के रूप में हुई है। नसीर ने पंजाब के पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह के आभूषण विक्रेता दोस्त से छीने गए फोन से अपनी मां बाबर को कॉल किया था।