West Bengal SSC Scam: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले (West Bengal Teacher Recruitment Scam) में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी (Parth Chaterjee) को न सिर्फ कैबिनेट से हटा दिया गया बल्कि उन्हे पार्टी से भी निकाल दिया गया है। पार्थ चटर्जी फिलहाल उद्योग मंत्री थे उन्हें पार्टी के महासचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ-साथ बाकी तीन पदों से भी हटा दिया गया है। टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘उनको जांच पूरी होने तक के लिए सस्पेंड किया गया है। अगर वह दोषी नहीं पाये जाते हैं तो उनकी पार्टी में वापसी होगी।’ पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद बंगाल की ममता बनर्जी सरकार (Mamata Benerjee Government) पर उनके खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था जिसकी वजह से गुरुवार (28 जुलाई) को ममता सरकार ने उन्हें मंत्रालय सहित पार्टी से भी निकाल दिया।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एसएसी घोटाल में आरोपी राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी पर कड़ा एक्शन लेते हुए ममता ने उन्हें तीनों मंत्रालयों से हटा दिया है। ममता सरकार ने पार्थ चटर्जी पर ये कार्रवाई उनकी गिरफ्तारी के छह दिन बाद की है। इस घोटाले के उजागर होने के बाद तृणमूल कांग्रेस में ही इस्तीफे की मांग उठने लगी थी। टीएमसी सांसद और महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इसको लेकर अहम बैठक भी की थी।

Mamta Benarjee संभालेंगी पार्थ चटर्जी के विभाग

गुरुवार (28 जुलाई) को हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को SSC Scam के आरोपों के चलते उनके सभी विभागों से छुट्टी कर दी है। अब इन मंत्रालयों को ममता बनर्जी खुद संभालेंगी। इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को पार्थ चटर्जी के दूसरे घर से छापा मारकर बता दें कि ईडी ने बुधवार को हुई छापेमारी में अर्पिता मुखर्जी के दूसरे अपार्टमेंट से 20 करोड़ रुपये नकद, ज्वैलरी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे। वहीं इसके पहले ईडी ने अर्पिता के घर छापेमारी कर 21 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए थे अर्पिता पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाती हैं।

22 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने की पहली छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (22 जुलाई) को शिक्षक भर्ती घोटाले (SSC Recruitment Scam) में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी (Parth Chaterjee) की एक करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के घर से छापेमारी की। एजेंसी ने दक्षिण-पश्चिम कोलकाता में मुखर्जी के अपार्टमेंट से आभूषण और विदेशी मुद्रा के अलावा 20 करोड़ रुपये से अधिक नकदी बरामद किए थे। ईडी की इस छापेमारी में अर्पिता के घर से इतने नोट बरामद हुए कि उन्हें गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ी। इस छापेमारी में अर्पिता के घर से कई मोबाइल फोन भी बरामद हुए। ईडी इन मोबाइल फोन्स की डिटेल्स निकलवा रही है।

27 जुलाई को ED ने की दूसरी छापेमारी (Raid)

बुधवार (27 जुलाई) को प्रवर्तन निदेशायल ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दूसरा फ्लैट जो उत्तरी कोलकाता के बेलघरिया पर है, वहां छापेमारी की यहां भी ईडी को भारी मात्रा में कैश मिला। ये पैसे अर्पिता मुखर्जी के हैं। एक बार फिर ईडी को नोट गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी। इस बार ईडी को यहां से 21 करोड़ की नकदी 500 और 2000 के नोटों में बरामद हुई। इसके अलावा ईडी को यहां से ज्वैलरी और कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद हुए।

जानें क्या है पश्चिम बंगाल का एसएससी भर्ती घोटाला? (West Bengal Teacher Recruitment Scam)

पश्चिम बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला साल 2014 का है। पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। शिक्षकों की भर्ती साल 2016 में शुरू की गई तब पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में शिक्षामंत्री थे। इस भर्ती को लेकर कई गड़बड़ियां सामने आई जिसके बाद इसकी शिकायत कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल की गई।

TET फेल कैंडिडेट्स को भी मिल गई थी शिक्षक की नौकरी

कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि जिन कैंडिडेट्स के नंबर कम थे वो भी मेरिट लिस्ट में ऊपर दिखाई दे रहे थे। इसके अलावा कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं जिनमें कहा गया था जिन कैंडिडेट्स का नाम मेरिट लिस्ट में नहीं था उनको भी नौकरी मिल गई थी। जबकि इस भर्ती में कई ऐसे उम्मीदवार भी थे जो शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) भी क्वालीफाइ नहीं थे, जबकि इस भर्ती में टीईटी क्वालीफाई होना अनिवार्य था।