महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके एक सहयोगी की भीड़ द्वारा हत्या के मामले में पैरवी कर रहे वकील की बुधवार को एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। घटनाक्रम में पुलिस ने किसी भी तरह की साजिश होने से इनकार किया है। मृतक वकील की पहचान दिग्विजय त्रिवेदी (32) के रूप में हुई है जो राजनीतिक पार्टी बहुजन विकास अघाड़ी की लीगल सेल के प्रमुख थे।

पुलिस के मुताबिक दिग्विजय और उनकी सहयोगी प्रीति त्रिवेदी पालघर जिले के दहानु में स्थित अदालत में जा रहे थे। तब उनकी गाड़ी रास्ते में मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर चरौटी नाका के पास सुबह करीब साढ़े नौ बजे पलट गई।

कासा पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक सिद्धवा जयभये ने बताया कि मृतक तेज रफ्तार से आ रहे थे और तभी उन्होंने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया। रोड पर स्किड निशान हैं जिससे पता चलता है कि उन्होंने कार को नियंत्रित करने की कोशिश की। जयभये ने कहा कि त्रिवेदी की मौत में कोई साजिश नहीं हुई है और यह दुर्घटना थी। धुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है।

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उल्लेखनीय है कि अप्रैल में पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके सहयोगी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्सवरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के थे, जो मुंबई से सूरत अपने गुरु के अंतिम संस्कार में जा रहे थे। हालांकि लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया। जिसके बाद गाड़ी में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।

इसी बीच वकील की मौत पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने मामले में जांच किए जाए की मांग की है। संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा कि पालघर में संतो की हत्या मामले में वकील दिग्विजय त्रिवेदी की सड़क हादसे में हो गई है। यह खबर विचलित करने वाली है। क्या ये केवल संयोग है की जिन लोगों ने पालघर मामले को उठाया उनपर या तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया या FIR कराया? खैर ये जांच का विषय है! (जनसत्ता ऑनलाइन इनपुट)