जेल अधिकारियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि 54 महिलाओं समेत 378 विदेशी कैदी दिल्ली की जेलों में बंद हैं और इनमें से ज्यादातर नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों का सामना कर रहे हैं जिनमें जमानत बामुश्किल ही मिल पाती है। जमानत की स्थिति के बारे में जेल अधिकारियों ने बताया कि तिहाड़ और मंडोली जेलों में बंद 54 विदेशी महिला कैदियों में से 20 ने राहत के लिए आवेदन दिया था और अदालतों में इनके आवेदन लंबित है। सात याचिकाओं को खारिज किया जा चुका है और 13 कैदियों ने आवेदन नहीं किया है।
तिहाड़ जेल के महानिदेशक द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि शेष 14 विदेशी महिला कैदियों की जमानत याचिकाओं की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष यह रिपोर्ट दायर की गई है और मामले में दो अगस्त को सुनवाई होगी।
अदालत तिहाड़ जेल में नशीले पदार्थों के मामलों में बंद विदेश महिला कैदियों को फोन कॉल करने की समुचित सुविधा और जमानत दिये जाने से इनकार करने के मुद्दे से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी।
विदेशी पुरुष कैदियों के संबंध में रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की जेलों में 324 कैदी बंद हैं और उपलब्ध सूचना के अनुसार अदालतों में 57 जमानत याचिकाएं दायर की गईं जिनमें से 43 का निस्तारण कर दिया गया है। अदालत में यह रिपोर्ट 24 जुलाई को सौंपी गई थी।