दिल्ली के बाहरी इलाके में एक मजदूर बस्ती में पिछले साल (2024) होली की पूर्व संध्या पर जश्न का माहौल था, लेकिन इसी दौरान एक परिवार की खुशियां अचानक गम में बदल गईं। 24 मार्च 2024 की शाम, होलिका दहन की तैयारियों के बीच, एक छोटी बच्ची अचानक लापता हो गई। वह अपनी मां के पास एक स्टॉल के बाहर खेल रही थी, जब एक मजदूर ने उसे टॉफी का लालच देकर अपने साथ बुलाया। बच्ची मासूमियत में उसके साथ चली गई, लेकिन फिर कभी घर नहीं लौटी।
सीसीटीवी से मिला था पहला और महत्वपूर्ण सुराग
शाम होते ही जब पिता घर आए और बेटी को नहीं पाया, तो पूरे परिवार में हलचल मच गई। खोजबीन शुरू हुई, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार, रात 10 बजे पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने तुरंत इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। उसमें बच्ची एक व्यक्ति के साथ जाती दिखी। जांच आगे बढ़ी, तो पता चला कि वह शख्स एक फैक्ट्री में मजदूर था। लेकिन बच्ची का कोई अता-पता नहीं था।
पुलिस ने फैक्ट्री की तलाशी ली, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। इस बीच, संदिग्ध फरार हो चुका था। मोबाइल लोकेशन ट्रैक करने पर पता चला कि वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास था। पुलिस ने अनुमान लगाया कि वह पश्चिम बंगाल भागने की फिराक में था। पुलिस ने पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेनों की सूची निकाली और अंदेशा हुआ कि वह पूर्वा एक्सप्रेस में होगा। पुलिस की एक टीम ट्रेन में सवार हुई, लेकिन संदिग्ध की पहचान करना मुश्किल था। ट्रेन आनंद विहार पहुंची, और पुलिस टीम ने नई योजना बनाई।
26 मार्च की सुबह, पुलिस टीम कोलकाता पहुंची और आसनसोल रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध को पकड़ लिया। लेकिन बच्ची उसके साथ नहीं थी। पूछताछ में पहले तो उसने इनकार किया, लेकिन जब सबूतों से सामना कराया गया, तो उसने अपना अपराध कबूल लिया।
भयानक सच उजागर- लोहे की पेटी में ठूंसकर छिपाया था शव
उसने बताया कि उसने बच्ची का यौन उत्पीड़न किया और जब उसने विरोध किया, तो उसकी हत्या कर दी। शव को उसने उसी फैक्ट्री में छिपा दिया, जहां वह काम करता था। 27 मार्च को, पुलिस ने फैक्ट्री की बंद पड़ी इकाई की छत पर एक कमरे में बच्ची का शव बरामद किया। वह लोहे की पेटी में ठूंसकर छिपाया गया था।
आरोपी को गिरफ्तार कर तिहाड़ भेज दिया गया। पुलिस को शक है कि इस अपराध में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। बच्ची के माता-पिता अब भी न्याय की राह देख रहे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के तहत उन्हें 10 लाख रुपये मुआवजा मिलना है, लेकिन प्रक्रिया जारी है। मां ने हाल ही में एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन पुरानी बेटी की यादें अब भी परिवार को सताती हैं। पिता ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि जो आदमी हमारी बच्ची के साथ खेलता था, वही उसका कातिल निकलेगा।”