त्रिपुरा के नवनियुक्त मुख्यमंत्री माणिक साहा ने माकपा को राज्य में मुख्य विपक्षी दल बताया, न कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई CPIM से है TMC से नहीं। वहीं, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा कि मुझे जो चाहिए था वो मिला।

इंडिया टुडे के साथ बातचीत के दौरान साहा ने पूर्व सीएम बिप्लब देब को दोबारा त्रिपुरा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के सवाल पर कहा कि यह केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। उनके कार्यकाल के दौरान भाजपा को त्रिपुरा में ऐतिहासिक जीत मिली थी। हम सभी ने उनके नेतृत्व में काम किया है।

हम एक परिवार की तरह: मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम की घोषणा के बाद रामप्रसाद पॉल की नाराजगी पर बात करते हुए माणिक साहा ने कहा, “हम एक परिवार की तरह हैं और ऐसी छोटी-छोटी घटनाएं हर परिवार में होती रहती हैं। चिंता करने की कोई बात नहीं है। त्रिपुरा में आपका मुख्य विपक्ष कौन है? इस सवाल के जवाब पर नए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के मुख्य विपक्षी सीपीआईएम है।

लोगों को देखना है मेरा प्रदर्शन: आगामी चुनावों में टीएमसी से कोई खतरा होने से इनकार करते हुए माणिक साहा ने कहा, “हाल ही में हुए निकाय चुनावों में हमने क्लीन स्वीप किया था। उन्होंने पहले भी कई मौकों पर कोशिश की है लेकिन असफल रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि त्रिपुरा की जनता उन्हें स्वीकार करेगी।” विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के प्रचार का चेहरा कौन होगा? इस सवाल के जवाब में माणिक साहा ने कहा कि बिप्लब देब यहां हैं। अब पार्टी इस पर फैसला लेगी। मैं हमेशा उनकी तरफ हूं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे सीएम बनाया है और यह लोगों को देखना होगा कि मैं कैसा प्रदर्शन करता हूं।

वहीं, दूसरी ओर त्रिपुरा के पूर्व CM बिप्लब कुमार देब ने कहा, “मैं पार्टी का एक कार्यकर्ता हूं और बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है। मेरे जैसे कार्यकर्ता को बीजेपी ने सब दिया है। मुझे कम उम्र में हर प्रकार का दायित्व मिला है। मुझे पार्टी जो भी दायित्व देगी मैं वो काम करूंगा।”