विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से सदन के बाहर देवी-देवता के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को सदन में पढ़ने के लिए माफी मांगने की मांग की। इस पर स्मृति ने कहा कि उनसे जेएनयू छात्रों के खिलाफ उनके बयानों के बारे में प्रमाण देने को कहा गया था। भाजपा सदस्यों ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा है क्योंकि जेएनयू जाने के कारण उनके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना हो रही है।
शुक्रवार को सदन की बैठक शुरू होते ही सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि संविधान और सदन के नियम इस बात की इजाजत नहीं देते हैं कि सदन में ऐसा कुछ भी उठाया जाए जिसमें ईशनिंदा हो और धार्मिक भावनाएं आहत होती हों। उन्होंने कहा कि स्मृति ने देवी दुर्गा के बारे में सदन में अपमानजनक टिप्पणियों को ज्यों का त्यों पढ़ दिया। इससे भावनाएं आहत हुईं। उन्होंने आसन से इस बात पर व्यवस्था मांगी कि यदि किसी देवी-देवता या पैगंबर के बारे में संसद के बाहर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की जाती है तो क्या उसे सदन के भीतर पढ़ा जा सकता है।
जद (एकी) के केसी त्यागी ने मांग की कि उन्होंने जो टिप्पणी सदन में पढ़ी उसके लिए उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। उनकी इस मांग का अधिकतर विपक्षी सदस्यों ने समर्थन किया। बहरहाल स्मृति इन मांगों से अप्रभावित रहीं। उन्होंने दावा किया कि वे एक आस्थावान हिंदू हैं और दुर्गा मां की पूजा करती हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उन्होंने जेएनयू से प्रमाणित दस्तावेजों को ही पढ़ा, क्योंकि उनसे बार-बार यह पूछा गया कि राष्ट्र विरोधी कृत्यों वाले छात्रों के खिलाफ क्या सबूत हैं। ऐसे छात्रों को कुछ दल गरिमा प्रदान कर रहे हैं।
इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है। मंत्री ने गुरुवार को जो कहा उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। आजाद ने कहा कि कई धार्मिक गुरुओं के बारे में अभियान चलाया जाता है किंतु उसे सदन में नहीं उठाया जा सकता।
स्मृति का बचाव करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब यह एक चलन बन गया है कि वे हर सत्र में अल्पकालिक चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और हर बात पर माफी मांगने की बात करते हैं। उन्हें विधायी कामकाज में कोई रुचि नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने यह मुद्दा इसलिए उठाया क्योंकि उसके उपाध्यक्ष की राष्ट्र के खिलाफ गतिविधियों में शामिल लोगों का समर्थन करने के कारण आलोचना हो रही है।
तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि मां दुर्गा के बारे में जो कुछ भी कहा गया उसकी पूरे सदन की ओर से भर्त्सना की जानी चाहिए। इस मुद्दे पर अपनी व्यवस्था देते हुए उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि सदन की यह परंपरा रही है कि यहां ऐसा कुछ भी नहीं उठाया जाता है, जिसमें ईशनिंदा हो या वह किसी समुदाय के खिलाफ हो। उन्होंने सदस्यों को आश्वासन दिया कि वे रिकार्ड को देखेंगे और यदि ईशनिंदा संबंधी कुछ भी हुआ तो उसे रिकार्ड से हटा देंगे।