उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कीर्ति कोल की उम्मीदवारी रद्द होने पर सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने अखिलेश यादव पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश चुनाव को गंभीरता से नहीं लेते हैं, उन्हें अभी काफी कुछ सीखना बाकी है। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख को अभी राजनीति कैसे गंभीरता से की जाती है, उसे सीखना बाकी है।

दरअसल, 1 अगस्त को कीर्ति कोल ने नामांकन भरा था, लेकिन चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया। विधान परिषद चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की कम से कम उम्र 30 साल होना आवश्यक है, लेकिन कीर्ति कोल ने अपनी उम्र नामांकन में 28 वर्ष दिखाई थी। इस वजह से सपा उम्मीदवार कीर्ति कोल का नामांकन रद्द हो गया। कीर्ति कोल समाजवादी पार्टी महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव भी हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने इसे आदिवासी समाज के साथ भद्दा मजाक करार दिया है। बता दें कि अखिलेश यादव खुद कीर्ति कोल के प्रस्तावक थे। इतना ही नहीं 10 विधायक कीर्ति कोल की विधान परिषद की उम्मीदवारी रद्द होने से पार्टी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। सपा पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कोई पार्टी इतनी गैर जिम्मेदार हो सकती है कि उसे विधान परिषद के लिए न्यूनतम उम्र तक का पता ही नहीं।

बता दें कि यूपी में विधान परिषद की दो सीटों के लिए 11 अगस्त को वोटिंग होने वाली है। भारतीय जनता पार्टी ने धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और निर्मला पासवान को उम्मीदवार बनाया, जबकि समाजवादी पार्टी ने आदिवासी समुदाय से आने वाली युवा नेता कीर्ति कोल को उम्मीदवार बनाया था। अब कीर्ति कोल का नामांकन रद्द होने के कारण बीजेपी प्रत्याशियों का निर्विरोध चुनाव जीतना तय माना जा रहा है।

कीर्ति कोल विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं

कीर्ति कोल मिर्जापुर जिले से हैं और उनके पिता पूर्व विधायक भाई लाल कोल हैं। कीर्ति कोल ने इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया था, लेकिन इन चुनावों में वो हार गई थीं। उन्होंने मिर्जापुर जिले की छानबे विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। कीर्ति कोल आदिवासी समुदाय से आती हैं।