सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के बीच तल्खियां बढ़ चुकी हैं। दोनों नेताओं की तरफ से बयानबाजी का सिलसिला जारी है। इस बीच, ओपी राजभर अचानक बुधवार को दिल्ली पहुंचे हैं, जिसके बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजभर की दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात हो सकती है।
माना जा रहा है कि योगी सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ओपी राजभर को एनडीए गठबंधन में लाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, ओपी राजभर ने पिछले दिनों इस बात की संभावनाओं को खारिज किया था कि वह फिर से भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था कि सबसे अच्छी पार्टी तो बसपा है।
एक तरफ, अखिलेश यादव के साथ खटपट के बाद ओपी राजभर के दिल्ली पहुंचने पर अटकलों का बाजार गर्म है। वहीं, सुभासपा प्रमुख को एक दिन पहले ही बड़ा झटका लगा था जब पार्टी के उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने ओपी राजभर पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया।
सुभासपा में भी बगावत आई सामने: सुभासपा से इस्तीफा देने के बाद शशि प्रताप सिंह ने ओपी राजभर पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ओपी राजभर केवल अपने बेटे और पत्नी को आगे बढ़ाना चाहते हैं। सिंह ने कहा, “राजभर देश के सबसे बड़े झूठे नेता हैं।” ओमप्रकाश राजभर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, लेकिन उपाध्यक्ष के पार्टी छोड़ने के बाद इसे रद्द कर दिया गया। राष्ट्रपति चुनाव में सुभासपा किसको सपोर्ट करेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा था कि 12 जुलाई को इस पर फैसला लिया जाएगा।
राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लखनऊ पहुंचने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राजभर को न्योता नहीं दिया था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि सपा की तरफ से उनको ‘तलाक’ का इंतजार है। राजभर ने कहा था कि पहले वह गठबंधन से अलग होने की पहल नहीं करेंगे।