बीजेपी शासित राज्य छत्तीसगढ़ में अब शराब की दुकानों पर कैश देकर शराब नहीं खरीदी जा सकेगी। जल्द ही शराब की सभी दुकानों में केवल ऑनलाइन भुगतान से ही शराब खरीदी जा सकेगी। प्रदेश भर में यह कैशलेस व्यवस्था जल्द लागू हो जाएगी। आबकारी विभाग का प्रभार मिलने के बाद कैबिनेट मंत्री लखनलाल ने विभागीय बैठक में अधिकारियों को ऑनलाइन पेमेंट लागू करने के निर्देश दिए।

लखनलाल देवांगन ने सोमवार को आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक में इस संबंध में कहा कि शराब दुकानों में ऑनलाइन भुगतान को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही शराब की दुकानों में 100 % भुगतान ऑनलाइन माध्यम से होना चाहिए। आबकारी मंत्री ने कहा कि शराब दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और मुख्यालय से 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। शराब की अवैध बिक्री और मादक पदार्थों को बनाने, स्टॉक, ट्रांसपोर्ट और सेल पर भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

शराब की दुकानों में ऑनलाइन पेमेंट

बैठक में आबकारी मंत्री ने होटल और ढाबों, फार्म हाउस में शराब की अवैध बिक्री, सेवन न हो इस पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इसके आलावा उन्होंने शराब की दुकानों की लाइसेंस व्यवस्था, मार्केटिंग कॉर्पोरेशन और बार-क्लब की जानकारी ली। उन्होंने फार्म हाउस में होने वाली शराब पार्टियों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। मंत्री ने अंतरराज्यीय सीमाओं पर स्थित आबकारी जांच चौकियों में सतर्कता बढ़ाने और विशेष अभियान चलाने पर भी जोर दिया।

पढ़ें- मुंबई बीजेपी को मिला नया अध्यक्ष

मुंबई के ब्रीच कैंडी इलाके की शराब की दुकानें बंद करने की मांग

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी क्षेत्र में मौजूद शराब की दुकानों को बंद करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सुले ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पत्र लिख कर स्थानीय निवासियों की सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यह मांग उठाई। सांसद ने 25 अगस्त को लिखे अपने पत्र में कहा कि ब्रीच कैंडी के निवासियों ने शिकायत की है कि आवासीय इलाके में संचालित शराब की दुकानों के कारण कानून-व्यवस्था की समस्या और उपद्रव बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि दो स्कूल और एक अस्पताल शराब की दुकानों के नजदीक स्थित होने के कारण इलाके के लोगों के लिए परेशानी का माहौल पैदा होता है।

सुप्रिया सुले ने आसपास के क्षेत्र में ट्रैफिक जाम, शोर, देर रात तक भीड़ रहने से महिलाओं और बच्चों को हो रही परेशानी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, “महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने विशेष रूप से सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। इलाके में झगड़े और हमले के मामलों में पुलिस को अक्सर हस्तक्षेप करना पड़ता है। लगभग 200 स्थानीय निवासियों ने इन शराबखानों को बंद करने की मांग करते हुए पहले ही एक हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा है।” सुले ने राज्य सरकार से इलाके की शराब की दुकानों को बंद करने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की। पढ़ें- हीरा खोजने का चल रहा मौसम, सैकड़ों लोग आजमा रहे किस्मत

(भाषा के इनपुट के साथ)