Pension: ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के एक गांव में अपाहिज शख्स हेताराम सतनामी को अपनी सरकारी पेंशन लेने के लिए हर महीने 2 किमी घने जंगल से होकर जाना पड़ता था। हालांकि उनके इस मुश्किल भरे सफर को उस रोज़ आराम मिल गया जब एक ड्रोन उनकी पेंशन के साथ आया और भलेश्वर पंचायत क्षेत्र के भुटकपाड़ा गांव में उनके घर पर उसे गिरा गया। यह पहल गांव की सरपंच सरोज देवी अग्रवाल ने की है।

हेताराम सतनामी के लिए यह बेहद खुशी के पल थे। वह मुस्कुराते हुए कहते हैं कि सरपंच ने ड्रोन की मदद से पैसे भेजे। यह मेरे लिए बड़ी राहत की बात है क्योंकि पंचायत कार्यालय गांव से 2 किमी दूर है और घने जंगल से घिरा हुआ है। वहां पहुंचना मेरे लिए बहुत मुश्किल होता था।

अपाहिज शख्स की कहानी ने किया प्रभावित

सरपंच सरोज अग्रवाल ने कहा कि अपाहिज शख्स हेताराम सतनामी की आपबीती जानने के बाद उन्होंने ऑनलाइन एक ड्रोन खरीदा। अग्रवाल ने कहा, “हमारे पंचायत क्षेत्र में जंगल में स्थित एक गांव भुटकपाड़ा है। हेताराम सतनामी उस ही गांव में रहते हैं। वह जन्म के बाद से चल-फिर नहीं सकते थे। उन्हें पेंशन लेने गांव से दो किलोमीटर दूर घने जंगलो से गुजर कर पेंशन लेने आना होता था।

सरपंच ने कहा कि उन्हें राज्य योजना के तहत पेंशन के लिए नामांकित किया गया था। मैंने देखा है कि कैसे दूसरे देशों में ड्रोन के माध्यम से चीजें भेजी जाती हैं। इसलिए मैंने ड्रोन के लिए ऑर्डर दिया और उनके दरवाजे पर पेंशन पहुंचाने में मदद की।

सरपंच की पहल को मिली सराहना

नुआपाड़ा के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सूबेदार प्रधान ने कहा कि यह सरपंच सरोज अग्रवाल की अपनी पहल से संभव हुआ है क्योंकि सरकार के पास सेवाएं देने के लिए ऐसे उपकरणों को खरीदने का प्रावधान नहीं है। दवा, पार्सल, किराने का सामान और भोजन सहित विभिन्न सामानों को वितरित करने के लिए दुनिया भर में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन नकदी पहुंचाना वह भी भारत में, अपनी तरह की पहली पहल है।