योग गुरु बाबा रामदेव (Yog Guru Swami Ramdev) को महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने शनिवार को नोटिस जारी किया है। दरअसल बाबा रामदेव ने महिलाओं के कपड़े पहनने को लेकर ठाणे में एक बयान दे दिया था, जिसपर विवाद शुरू हो गया है। महाराष्ट्र की राज्य महिला आयोग ने बाबा रामदेव से महिलाओं पर उनके आपत्तिजनक बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने उन्हें जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
शुक्रवार को ठाणे में एक कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने कहा था, “महिलाएं साड़ियों में अच्छी लगती हैं, महिलाएं सलवार सूट में भी अच्छी लगती हैं और मेरी नजर में बिना कुछ पहने भी अच्छी लगती हैं।” इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की पत्नी अमृता फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) के बेटे और लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे भी मौजूद थे।
महिला आयोग ने बाबा रामदेव से नोटिस में कहा कि आपकी अशोभनीय टिप्पणी के खिलाफ आयोग को एक शिकायत मिली है, जो महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाती है।
वहीं महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे ने भी बाबा रामदेव की विवादास्पद टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के प्रति उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “बाबा रामदेव जहां योग के माध्यम से समाज को संयम और स्वास्थ्य की बात करते हैं, वहीं महिलाओं के प्रति उनका ऐसा दूषित रवैया है, यह बहुत गलत है। सभी पुरुष महिलाओं को इस नजर से नहीं देखते हैं। एक महिला अपने दैनिक जीवन में अपने घर में कई पुरुषों के संपर्क में आती है जैसे भाई, दोस्त और सहकर्मी। लेकिन यह शर्म की बात है कि हमारे देश में खुद को गुरु कहने वाले पुरुष ने इस तरह की अशोभनीय टिप्पणियां की है।”
नीलम गोरे ने कहा कि अमृता और वहां मौजूद अन्य महिलाओं को इस टिप्पणी का विरोध करना चाहिए था। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता सचिन सावंत ने कहा कि उनके बयान से रामदेव की असली मानसिकता उजागर हो गई है।
विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने शनिवार को बाबा रामदेव द्वारा महिलाओं के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयान का विरोध किया। एनसीपी की महिला कार्यकर्ताओं ने रामदेव की तस्वीर पर चप्पलों की माला चढ़ाई।