Malayalam Writer Satheesh Babu Demise: मशहूर मलयालम लेखक सतीश बाबू पैय्यानूर (Malayalam writer Satheesh Babu) का गुरुवार (24 नवंबर) को संदिग्ध परिस्थितियों (suspicious circumstances) में निधन हो गया। पुलिस ने बताया कि उनका शव उनके त्रिवेंद्रम (Trivandrum) के वंचियूर (Vanchiyoor) में उनके फ्लैट पर पाया गया। 59 वर्षीय लेखक की अचानक से मौत हो गई पुलिस (Police) इस बात को लेकर जांच कर रही है। हलांकि अभी तक उनकी मौत (Death) की वजह का पता नहीं चल पाया है।
पड़ोसियों और रिश्तेदारों (Relatives) ने किया पुलिस (Police) को कॉल
59 वर्षीय लेखक की मौत का पता तब चला जब उनके पड़ोसियों और उनके रिश्तेदारों ने पुलिस को फोन करके उनके फ्लैट की जांच करने के लिए बुलाया। पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने बताया कि वो किसी भी फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे थे तो उन लोगों को संदेह हुआ कि आखिर मामला क्या है इस वजह से उन लोगों ने पुलिस को कॉल की।
Governor Arif Mohammad Khan ने ट्वीट कर जताई संवेदना
वहीं केरल के राज्यपाल, आरिफ मोहम्मद खान ने ट्वीट कर सतीश बाबू के निधन पर शोक व्यक्त किया, राज्यपाल आरिफ खान ने ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रसिद्ध लेखक श्री सतीशबाबू पयन्नूर के असामयिक निधन पर हार्दिक संवेदना, जिनकी रचनात्मकता साहित्य के साथ-साथ टेलीविजन पर भी दिखाई देती है,उनकी आत्मा को शांति मिले।”
लघुकथा और उपन्यास लिखने कला में माहिर थे सतीश बाबू (expert in writing short stories and novels)
पलक्कड़ में जन्मे, प्रसिद्ध लेखक केरल के पैय्यानूर कन्नूर जिले के रहने वाले थे। वह 80 के दशक के दौरान अपने काम के शुरुआती दिनों में राजधानी शहर में आकर बस गए थे। सतीश बाबू लघु कथा और उपन्यास लेखन में माहिर थे वो मलयालम टेलीविजन उद्योग में भी पटकथा लेखन करते थे और केरल साहित्य अकादमी और फिल्म अकादमी के सदस्य भी थे। उनके लेखन की सरल शैली और पाठकों के प्रति विनम्र व्यवहार बहुत ही उल्लेखनीय था।
सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए जीता था Kerala Sahitya Akademi Award
सतीश बाबू ने साल 1992 में मलयालम फिल्म ‘नक्षत्रकूदरम’ की पटकथा लिखी थी उसके बाद उन्होंने साल 2001 में पैनोरमा नाम से अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस खोला था जिसमें कई टेलीविजन शो शामिल हुए थे। साल 2012 में सतीश बाबू की पुस्तक ‘पेरामारम’ ने सर्वश्रेष्ठ लघु कहानी के लिए केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता था। ‘वृश्चिकम वन्नू विलिचु’, ‘चिला सिलिकॉन निनावुकल’, ‘कुदामानिकल किलुंगिया राविल’, ‘मन्नू’, ‘एकांत रथ्रिकल’, ‘कलिकाल’ उनकी कुछ अन्य मशहूर साहित्यिक कृतियां हैं।