उत्तर पूर्व के दो राज्यों में भाजपा में बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं। ये दोनों राज्य हैं मणिपुर और नागालैंड। मणिपुर में जहां राज्य के सीएम एन.बीरेन सिंह के खिलाफ ही बगावत हो गई है। वहीं नागालैंड में पार्टी के नेता प्रदेश ईकाई अध्यक्ष तेमजेन इमना अलोंग को पद से हटाना चाहते हैं। बता दें कि एम.बीरेन सिंह ने जहां मार्च 2018 में सीएम पद की शपथ ली थी, वहीं अलोंग तो जून 2018 में नागालैंड भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था।

मणिपुर के हालात को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने दो वरिष्ठ नेताओं बैजयंत पांडा और मनोज सिन्हा को भी बातचीत के लिए मणिपुर भेजा था। हालांकि 23 जुलाई से शुरु हुए उनके तीन दिवसीय दौरे के दौरान भी हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। अब ये दोनों नेता पार्टी आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे।

मणिपुर गए पार्टी नेताओं ने वहां सभी विधायकों, प्रदेश अध्यक्ष साइखोम टिकेंद्र सिंह और सीएम एन.बीरेन सिंह के साथ भी अलग-अलग बातचीत की। इससे पहले 14 जुलाई को मणिपुर सरकार के 4 मंत्री भी दिल्ली आए थे, जहां उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत की थी। टेलीग्राफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, मणिपुर में सीएम के खिलाफ साल 2019 से ही पार्टी नेताओं में असंतोष पनप रहा है। हालांकि किसी तरह एन.बीरेन सिंह अभी तक अपनी कुर्सी बचाए रखने में सफल रहे हैं।

फिलहाल स्थिति विस्फोटक जुलाई से हुई है। जब सरकार को समर्थन दे रहे 9 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव से पहले अपना समर्थन वापस ले लिया था। हालांकि इसके बावजूद बीरेन सिंह राज्यसभा सीट को बचाने में सफल रहे। इसके साथ ही एक ड्रग्स तस्करी के मामले में भी विपक्षी पार्टियों द्वारा सीएम का इस्तीफा मांगा जा रहा है।

वहीं नागालैंड में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ ईकाई में असंतोष बढ़ रहा है। दरअसल प्रदेश अध्यक्ष अलोंग ने जून में फेक जिले के पार्टी अध्यक्ष को उसके पद से हटा दिया था। इससे नाराज होकर जिला और संगठन स्तर के नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अजय जामवाल को पत्र लिखा और अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अलोंग को पद से हटाने की मांग की थी। नेताओं की मांग है कि एक आदमी-एक पद की नीति अपनायी जानी चाहिए। बता दें कि अलोंग नागालैंड सरकार में मंत्री भी हैं।