नोएडा-ग्रेनो क्षेत्र में वायु प्रदूषण और ठंड के बीच एक विरोधाभासी स्थिति देखने को मिली है। एक ओर ग्रैप-4 नियमों के तहत खुले में लकड़ी जलाने पर सख्त जुर्माना लगाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रेनो प्राधिकरण खुद 19 स्थानों पर अलाव जला रहा है। इस तरह से मानक प्रदूषण नियम और ठंड राहत की मानवीय जरूरतों के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण बन गया है।
नोएडा सीईओ ने मंगलवार को प्राधिकरण के सभी आला अधिकारियों के साथ बैठक कर धूल, धुआं और अन्य प्रदूषणकारी तत्वों को रोकने की जमीनी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसके तहत नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम निर्माण स्थलों, भट्टियों, कबाड़ और बिना पीयूसी वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है। उल्लंघन पाए जाने पर फोटो खींचकर तुरंत जुर्माना लगाया जा रहा है। वहीं, बढ़ती ठंड में लोगों को राहत देने के लिए प्राधिकरण ने 19 स्थानों पर लकड़ी के अलाव का प्रबंध किया है।
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देर शाम जलने वाले ये अलाव स्थानीय लोगों को गर्मी और राहत तो दे रहे हैं, लेकिन ग्रैप-4 नियमों के अनुसार खुले में लकड़ी जलाना प्रतिबंधित है। ग्रेनो प्राधिकरण के महाप्रबंधक एके सिंह ने बताया कि जरूरतमंद लोगों को राहत देने के लिए प्राधिकरण ने रैन बसेरा और अलाव के प्रबंध किए हैं। यह बताने पर कि ग्रैप-4 में लकड़ी के अलाव नहीं जलाए जा सकते, उन्होंने जल्द गैस के हीटरों का इंतजाम कराने को कहा है।
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घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम होने और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ने के मद्देनजर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने मंगलवार को ‘कोहरे में सुरक्षित यात्रा’ संबंधी परामर्श जारी किया, जिसमें वाहन चालकों से ‘म्यूजिक सिस्टम’ बंद रखने, धीमी गति से गाड़ी चलाने और पूरी सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।
सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) उदित नारायण पांडेय ने कहा कि सर्दियों के महीनों में कोहरा सड़कों पर एक गंभीर खतरा बन गया है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि चालक कुछ सरल लेकिन आवश्यक सावधानियों का पालन करें, तो काफी हद तक दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।’’
