पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों के बाद से जय श्री राम नारे को लेकर सियासी गलियारा गर्माया हुआ है। इसी संबंध में हाल ही में जाने-माने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने शुक्रवार ( 5 जुलाई) को कहा कि ‘मां दुर्गा’ के जयकारे की तरह ‘जय श्रीराम’ का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है और इसका इस्तेमाल ‘‘लोगों को पीटने की बहाने’’ के तौर पर किया जाता है।सेन ने यहां जादवपुर विश्वविद्यालय में कहा कि ‘मां दुर्गा’ बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं।

बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है ‘जय श्री राम’: सेन ने कहा, ‘‘जय श्री राम नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है।’’ उन्होंने कहा कि आज कल राम नवमी ‘‘लोकप्रियता हासिल’’ कर रही है और उन्होंने पहले कभी इसके बारे में नहीं सुना था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी चार साल की पोती से पूछा कि उसके पसंदीदा भगवान कौन है? उसने जवाब दिया कि मां दुर्गा। मां दुर्गा हमारी जिंदगी में मौजूद हैं। मुझे लगता है कि जय श्री राम जैसा नारा लोगों को पीटने के लिए आड़ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।’’
National Hindi News, 05 July 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव के उद्घाटन के लिए हुगली जिले के महेश नगर इलाके में ममता बनर्जी पहुंची तो भाजपा समर्थकों ने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे पहले मई में उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में ‘जय श्री राम’ के नारों पर ममता बनर्जी की गुस्सैल प्रतिक्रिया को लेकर भाजपा ने उन पर निशाना साधा था। बता दें कि ममता बनर्जी गुरुवार को पार्टी की महिला सांसद नुसरत जहां के साथ इस्कॉन रथ यात्रा उत्सव में शामिल हुई थीं। यहां नवनिर्वाचित सांसद नुसरत जहां अपने पति निखिल जैन के साथ पहुंची थीं।