शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी भविष्य में कभी भी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का जारी गठबंधन महा विकास अघाड़ी की महाराष्ट्र का भविष्य है।
शिवसेना नेता ने उन खबरों का भी खंडन किया जिसमें कहा जा रहा था कि बैक दरवाजे से शिवसेना और बीजेपी के बीच बातचीत चल रही है। पार्टी के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम में राउत ने लिखा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 23 जनवरी को शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए बीजेपी पर पलटवार किया था, जो उनकी बीमारी को लेकर उनकी आलोचना कर रही थी।
तब महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व पर पाखंड और दोहरे मानकों के लिए भाजपा की खिंचाई की थी। उन्होंने कहा था कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन करके 25 साल बर्बाद कर दिए।
इन्हीं बयानों का आधार बनाते हुए शिवसेना सांसद ने लिखा- “उनके भाषण से संदेश था कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस का महा विकास अघाड़ी, महाराष्ट्र का राजनीतिक भविष्य है, और इन अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है कि शिवसेना और बीजेपी के बीच एक अंडर टेबल डील हो रही थी”।
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के भाषण और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के पलटवार ने राज्य की राजनीति को स्पष्ट कर दिया है। भ्रम की कोई जगह नहीं है। सामना के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने लिखा- “फडणवीस की प्रतिक्रिया के बाद शिवसेना-भाजपा के फिर से गठबंधन की कोई संभावना नहीं है।”
राउत ने भाजपा नेताओं के राज्यपाल से शिकायत करने को लेकर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि अगले कई सालों तक भाजपा नेताओं को राजभवन के चक्कर लगाने होंगे।
बता दें कि पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर गठबंधन टूट गया था। शिवसेना ने दावा किया था कि बीजेपी ने चुनाव से पहले कहा था कि इस बार बहुमत मिलने पर शिवसेना के पास मुख्यमंत्री की कुर्सी रहेगी, जिसे बाद में बीजेपी ने तोड़ दिया। गठबंधन से अलग होने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन कर लिया और उद्धव ठाकरे सीएम बन गए।