बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) ने मंगलवार को सहयोगी भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह उन बड़बोले नेताओं पर लगाम कसे जिनके ‘अहंकार’ की वजह से उन्हें महाराष्ट्र में शिवसेना जैसे पुराने साथी को अलग होने पर विवश किया।
पार्टी सासाराम से भाजपा सांसद छेदी पासवान के उस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई, जिसमें कहा गया है कि सत्ता के लिए जद नेता नीतीश कुमार वास्तव में मोस्ट वांटेड मुंबई अंडरवर्ल्ड डॉन और 1993 सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाउद इब्राहिम से भी हाथ मिला सकते हैं।”
जद (यू) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “क्या छेदी पासवान महबूबा मुफ्ती को याद करेंगे, जिनकी उनकी पार्टी कड़ी खिलाफत करती थी, लेकिन सत्ता की लालसा ने उन्हें जम्मू-कश्मीर में उनके साथ सत्ता साझा करने के लिए प्रेरित किया।” पीडीपी-भाजपा गठबंधन ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले जम्मू और कश्मीर में आखिरी सरकार बनाई थी, जिसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित कर दिया गया था।
प्रसाद ने छेदी पासवान को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे की भी याद दिलाई, जिन्हें दाऊद के साथ कथित संबंधों के उजागर होने के बाद पश्चिमी राज्य में तत्कालीन भाजपा सरकार से निष्कासित कर दिया गया था।
पासवान बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल के साथ लगातार जनता दल (यू) पर खुलकर हमले कर रहे हैं और नीतीश कुमार के इस कार्यकाल को समर्थन देने को “गलत” बता रहे हैं। उन्होंने इसके बजाए पांच साल के कार्यकाल के आधे समय में भाजपा को अपना सीएम बनाने के फार्मूले और सत्ता-साझेदारी का समर्थन किया।
जद (यू) के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि पासवान जैसे नेताओं के खिलाफ जायसवाल “कोई कार्रवाई करने में असमर्थ” हैं, लेकिन उन चीजों में लगातार छेद कर रहे हैं जो मुख्यमंत्री और हमारी पार्टी ने की है।
प्रसाद ने कहा, “जायसवाल शराबबंदी (निषेध) के लाभों पर सवाल उठाते रहे हैं, जिसने बिहार के गांवों को बदल दिया है। उनकी पार्टी को हमें नोट बंदी के लाभ, यदि कोई हो, के बारे में बताना चाहिए, जिससे कई लोग बैंकों और एटीएम के बाहर अंतहीन कतारों में अपनी बारी का इंतजार करते हुए मारे गए।”
उधर, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा, “भाजपा उत्तर प्रदेश में हारने जा रही है। प्रदेश की जनता भाजपा के दुष्प्रचार से थक चुकी है। वे केवल दंगों, धर्म और मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं… साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए नीतीश कुमार किसी भी हद तक जा सकते हैं।”