बिहार में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक हलचल मची हुई है। इस बीच केंद्र सरकार ने बिहार में आरिफ मोहम्मद खान को राज्यपाल बनाकर भेजा है। आज आरिफ मोहम्मद खान का शपथ ग्रहण समारोह था। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे। इस दौरान राजभवन में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का आमना-सामना हुआ तो सबकी नजरें उनकी तरफ ही चली गई।
लालू के ऑफर पर तेजस्वी यादव का बयान
तेजस्वी यादव आगे की पंक्ति में बैठे थे और जैसे ही नीतीश कुमार का सामना तेजस्वी यादव से हुआ, वह थोड़ी देर उनके सामने रुके। इसके बाद तेजस्वी ने उनका अभिवादन किया तो नीतीश ने भी हाथ पकड़ लिया। बता दें कि इसके पहले आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार को एक बार फिर से साथ आने का ऑफर दिया था। हालांकि लालू प्रसाद यादव की तरफ से दिए गए ऑफर पर तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू जी ने ऐसी बात मीडिया को शांत करने के लिए कही थी। आप लोग रोज पूछते रहते हैं, तो वह क्या बोलेंगे।
बता दें कि लालू यादव ने कहा था कि नीतीश के लिए हमारा दरवाजा हमेशा खुला है और नीतीश को भी खोल कर रखना चाहिए। लालू ने कहा था कि अगर नीतीश साथ आते हैं तो उन्हें हम क्यों नहीं लेंगे। नीतीश साथ में आए और काम करें।
बिहार में सियासी हलचल के बीच दिल्ली क्यों पहुंचे नीतीश कुमार?
हम जहां पर हैं, वही हैं- विजय चौधरी
नीतीश सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने लालू यादव के बयान पर कहा कि आरजेडी के एक नेता बोलते हैं कि दरवाजा बंद हैं तो दूसरे बोलते हैं कि दरवाजा खुला हुआ है। इसका मतलब है कि कन्फ्यूजन उधर है हमारे तरफ नहीं। हम जहां पर हैं, वही हैं।
कांग्रेस का भी आया बयान
वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस का भी बयान सामने आया है। बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद ने नीतीश कुमार की वापसी को लेकर कहा कि जो भी गांधीवादी हैं वह हमारे साथ आएंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार गांधीवादी हैं और वह गांधी के सिद्धांतों पर चलते हैं। हालांकि अभी तक पूरे घटनाक्रम पर नीतीश कुमार का कोई बयान सामने नहीं आया है। पढ़ें नीतीश कुमार को लेकर लालू यादव के क्यों बदल गए सुर