Nitish Kumar: अपने दिल्ली दौरे पर आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार (7 सितंबर, 2022) को उस समय भड़क गए जब उनसे चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर एक सवाल किया गया। उन्होंने मीडिया से उलटे ही पूछा कि कौन है वो। मुझे नहीं पता कि वो कहां हैं। उनके बयानों की कभी कोई अहमियत नहीं रही, वो कुछ भी बोलते हैं। नीतीश का यहां तक कहना था कि प्रशांत किशोर की हरकतों से लगता है कि वो बीजेपी के साथ हैं या भगवा दल का हिडन एजेंडा चला रहे हैं।
हालांकि, नीतीश कुमार ने पीके के आरोपों पर कभी अपना मुंह नहीं खोला, लेकिन आज वो खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने पूरा वाकया बयां किया। नीतीश ने बताया कि ये शख्स उनके पास आया था तो उन्होंने खुला ऑफर दिया था कि वो अपना काम छोड़कर उनके पास आ जाएं पर उन्होंने मेरी बात को तवज्जो नहीं दी और वह सारे देश में घूमकर दूसरे सियासी दलों के लिए काम करते रहे। उनका कहना था कि ये ही उनका धंधा है।
नीतीश का कहना था, “बिहार में वो जो भी करना चाहें हमें दिक्कत नहीं है, लेकिन केवल बातों से ही काम नहीं चलता। वो हमेशा ही कुछ न कुछ बोलते हैं, लेकिन हमने बिहार के लिए जो किया है, पीके को उसकी ABC भी नहीं पता है। हमने 2005 के बाद सूबे में जो कुछ किया है वो सबके सामने है।”
कभी प्रशांत किशोर नीतीश के साथ थे। वो जदयू के उपाध्यक्ष बनाए गए थे, लेकिन साल 2020 जनवरी में उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इसके बाद के दौर में पीके ने नीतीश पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ा। वह यहां तक बोले कि एक महीने पहले तक नीतीश बीजेपी के साथ थे, लेकिन अब वह विपक्ष की तारीफ करते नहीं थक रहे। उन पर कैसे यकीन किया जाए। पीके का यहां तक कहना था कि उन्हें नहीं लगता कि बिहार का पैटर्न देश में काम करेगा। वह बिहार में नई सरकार बनने के बाद नीतीश पर हमलावर हैं।