Bihar News: हिजाब विवाद के बाद सुर्खियों में आईं मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन शनिवार को अपनी सरकारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं। उन्हें पटना सदर के अंतर्गत सबलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शाम 6 बजे तक ड्यूटी पर रिपोर्ट करना था, लेकिन वह निर्धारित समय पर नहीं पहुंचीं।

अधिकारी ने कहा, “शनिवार उनके कार्यभार ग्रहण करने की लास्ट डेट थी और अगर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कार्यभार ग्रहण करने की तारीख बढ़ाने के लिए कोई संशोधित तारीख जारी की जाती है तो उन निर्देशों का पालन किया जाएगा।”

इस मामले की राज्य के अंदर और बाहर दोनों जगह आलोचना हो रही है। शनिवार को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बिहार के मुख्यमंत्री की कार्रवाई की निंदा करते हुए डॉक्टर को झारखंड में 3 लाख रुपये मासिक वेतन, सरकारी आवास और प्राथमिकता के आधार पर पद देने की पेशकश की। उन्होंने कहा, “मैं पहले डॉक्टर हूं, फिर मंत्री। जो कुछ हुआ है उससे पूरा मेडिकल जगत आहत हुआ है और इससे भारत को गलत मैसेज जाएगा।”

आखिर क्या था पूरा विवाद?

डॉक्टर से जुड़ा विवाद 15 दिसंबर को शुरू हुआ, जब सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा। नियुक्ति समारोह का एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें मुख्यमंत्री ने डॉक्टर का हिजाब देखकर कहा, “यह क्या है?” और उनका हिजाब नीचे खींच दिया। इस पूरी घटना ने सियासी तूल पकड़ लिया।

ये भी पढ़ें: नीतीश कुमार और संजय निषाद पर हिजाब विवाद में शिकायत दर्ज

राज्य में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने उनकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए, वहीं सबसे तीखी आलोचना जम्मू -कश्मीर से आई, जिसमें वहां के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल थे। हालांकि, जेडीयू ने कहा कि नीतीश कुमार का मूल्यांकन किसी घटना के आधार पर नहीं, बल्कि महिलाओं और मुसलमानों के लिए उनके द्वारा किए गए कामों के आधार पर किया जाना चाहिए।

सीएचसी में दी जाती है तैनाती

आयुष विभाग की तरफ से जारी अपाइंटमेंट लेटर एक स्टैंडर्ड प्रोसेस का हिस्सा है। इसके तहत उम्मीदवारों को पहले डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए सिविल सर्जन के ऑफिस में उपस्थित होना होता है। इसके बाद उन्हें सीएचसी में तैनाती दी जाती है।

आरिफ मोहम्मद खान ने घटना पर क्या कहा?

इस घटना पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “इस मामले में ‘विवाद’ शब्द सुनकर मुझे दुख होता है। क्या पिता और पुत्री के बीच कोई झगड़ा हो सकता है?” खान ने मुख्यमंत्री के इस कदम को पिता तुल्य भाव बताते हुए विवाद की प्रकृति पर सवाल उठाया और जोर देकर कहा कि कुमार ने डॉक्टर के साथ वैसा ही सम्मानजनक व्यवहार किया जैसा वे अपनी बेटी के साथ करते हैं। खान ने कहा, “आप लोगों ने इसका क्या मतलब निकाल लिया है? यह व्यक्ति महिला छात्रों को अपनी बेटियों के समान मानता है।”

ये भी पढ़ें: ‘अच्छा होगा कि मुख्यमंत्री….’, हिजाब विवाद पर बसपा सुप्रीमो मायावती की नीतीश कुमार को सलाह