सरकार ने गुरुवार को कहा कि दुनिया की सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में होना चिंता का विषय है और इन दुर्घटनाओं के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नया मोटर वाहन कानून लाने जा रही है। लोकसभा में विभिन्न सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में साल में पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जो दुनिया में सबसे अधिक हैं और इसमें काफी संख्या में लोग मारे जाते हैं। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। किसी देश में सबसे आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस भारत में मिल जाता है। हमारे समक्ष ऐसी रिपोर्ट भी आई है जहां 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस बोगस होने की बात कही गई है। इन विषयों को ध्यान में रखते हुए हम नए मोटर वाहन विधेयक तैयार कर रहे हैं। सड़क, राजमार्ग समवर्ती सूची में हैं और हम किसी राज्य के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं बल्कि लोगों की जान बचाना चाहते हैं। इसलिए इस विषय पर राज्यों से सहयोग चाहते हैं।

मंत्री ने कहा कि हाल ही में हमने राजस्थान के मंत्री युनुस खान के नेतृत्व में समिति का गठन किया है जो नए विधेयक के बारे में चर्चा कर रहा है। आमतौर पर हम सड़क दुर्घटनाओं का दोष पूरी तरह से ड्राइवरों के मत्थे मढ़ देते हैं लेकिन मैं इससे पूरी तरह से सहमत नहीं हूं। इसके कारणों में अतीत में सड़क इंजीनियरिंग की गलतियां एवं अन्य कारण भी हैं। कई बार यह देखा गया है कि आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं होने पर डीपीआर बनाते समय पुल, पारपथों को छोड़ दिया गया और यह दुर्घटनाओं के कारणों में है।

अब हमने निर्धारित किया है कि अगर डीपीआर में ऐसी कोई गलती हुई तब उसे बनाने वालों पर कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ने पर हम सरकार कोष से सहायता भी देंगे। पूर्व की गलतियों को सुधारने के लिए हम 11 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं। हमने एक वेबसाइट भी तैयार की है जिससे कोई भी दुर्घटना के संभावना वाले स्थलों की जानकारी दे सकता है।