राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) ने दिसंबर 2007 के वागमोन सिमी हथियार प्रशिक्षण शिविर मामले में दो फरार आरोपियों वासिक बिल्ला और आलम जेब अफरीदी के खिलाफ कथित राजद्रोह और अन्य अपराधों को लेकर अंतिम आरोपपत्र दायर किया है। केरल में एर्नाकुलम की विशेष एनआइए अदालत में अंतिम आरोपपत्र दायर किया गया है। इसमें इन दोनों पर आपराधिक साजिश, हथियार कानून के उल्लंघन के अलावा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़ने का आरोप लगाया गया है। एनआइए ने एक बयान में कहा कि जांच एजंसी ने इस मामले में 13 जनवरी, 2011 को 30 आरोपियों के विरुद्ध एर्नाकुलम की विशेष एनआइए अदालत में पहला आरोपपत्र दायर किया था। उसके बाद 29 जुलाई, 2013 को विभिन्न धाराओं में पूरक आरोपपत्र दायर किया गया।

सिमी के प्रशिक्षण शिविर मामले की जांच एक शिकायत के आधार पर की गई कि दिसंबर, 2007 में वागमोन के थंगालपारा में सिमी ने गोपनीय प्रशिक्षण शिविर लगाया था। आरोप है कि नवंबर, 2007 और उसके आसपास सिमी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश में इंदौर के चोराल में अपने सक्रिय कार्यकताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। एनआइए ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 10 दिसंबर, 2007 से 12 दिसंबर, 2007 तक कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात में शिविर लगाए। उन्होंने कोट्टायम (केरल) में मुंडाकायम थानाक्षेत्र में वामगोन के थंगालपारा में एक गोपनीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था।

एजंसी ने आरोप लगाया कि शिविर में सिमी कार्यकर्ताओं ने शारीरिक प्रशिक्षण, हथियार चलाने का प्रशिक्षण, विस्फोटकों और पेट्रोल बम बनाने के अलावा मोटरसाइकिल रेस का प्रशिक्षण और रस्सी से चढ़ने जैसे कई प्रशिक्षण हासिल किए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अवैध, आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने, भड़काने, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने, देश की संप्रभुता व एकता पर खतरा पैदा करने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से प्रशिक्षित करने के लिए जिहादी कक्षाएं भी लगाई थीं।