नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने बीते दिनों अपने दिल्ली स्थित मुख्यालय से लखनऊ म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (LMC) पर 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का आग्रह किया था। दरअसल नगर निगम द्वारा गोमती नदी के किनारे कूड़ा डाला जा रहा है, जिससे नदी में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। एनजीटी ने इसके लिए लखनऊ नगर निगम को दोषी माना है और निगम पर 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की बात कही है। वहीं एनजीटी के इस आदेश पर निगम प्रमुख ने अपने विभाग के 4 वरिष्ठ अधिकारियों पर इसकी गाज गिरायी है और चारों को जुर्माने की राशि देने का निर्देश दिया है।

खबर के अनुसार, लखनऊ म्यूनिसिपल कमिश्नर इंद्रमनी त्रिपाठी ने चारों अधिकारियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना जुर्माने की पूरी राशि उनसे वसूली जाए? निगम के जिन चार अधिकारियों पर एनजीटी के जुर्माने की गाज गिरी है, उनमें निगम के चीफ इंजीनियर (सिविल) एसपी सिंह, चीफ इंजीनियर (इलेक्ट्रोमैकेनिकल) राम नगीना त्रिपाठी, जोनल इंचार्ज (3) राजेश गुप्ता और जोन इंचार्ज (6) अंबी बिष्ट का नाम शामिल है। उल्लेखनीय है कि अंबी बिष्ट उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की समधी हैं और उनकी बहु अपर्णा यादव की मां हैं।

बता दें कि करीब एक माह पहले एनजीटी ने लखनऊ नगर निगम को निर्देश दिए थे कि वह गोमती नदी के किनारे गिरने वाले कूड़े और उसके आसपास के इलाके में गिरने वाले कूड़े को हटवाए। सोमवार को जब एनजीटी की मॉनिटरी कमेटी ने गोमती नदी का दौरा किया तो उन्हें अभी भी मौके पर कूड़े का ढेर दिखाई दिया। इस पर एनजीटी की मॉनिटरी कमेटी ने लखनऊ नगर निगम पर 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया। इस पूरे मसले पर म्यूनिसिपल कमिश्नर का कहना है कि ‘इसके लिए जिम्मेदार चारों अधिकारियों को नोटिस भेज दिया गया है। अब मॉनिटरी कमेटी ने 2 करोड़ के जुर्माने के लिए दिल्ली स्थित एनजीटी मुख्यालय को आग्रह किया है। यदि एनजीटी यह जुर्माना लगाता है तो हम यह रकम चारों अधिकारियों से वसूलेंगे। अभी हमने अधिकारियों को इलाके की सफाई और अपना जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिया है और उनसे पूछा है कि उन पर 50 लाख रुपए का जुर्माना क्यों ना लगाया जाए?’