राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मेरठ के एक नागरिक की उस याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य से जवाब मांगा है। जिसमें शहर में खुले में कचरा फेंके जाने व उचित नालियों की कमी से निपटने के लिए कदम उठाए जाने की मांग की गई है। अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाले एक पीठ ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मेरठ के जिलाधिकारी और अन्य को भी नोटिस जारी किया है और उनसे 16 फरवरी तक जवाब देने को कहा है।

पीठ ने कहा – आप लोग क्या कर रहे हैं? हर जगह कचरा है। नोटिस दिया जाए। अधिकरण मेरठ निवासी योगेंद्र पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सिंह ने शहर की गंगानगर कालोनी में कचरे को उचित ढंग से एकत्रित करने, उसकी ढुलाई और निस्तारण तंत्र के लिए दिशानिर्देश की मांग की है।

वकील मोमोता देवी ओइनम के जरिए दाखिल याचिका में कहा गया है कि कोई सफाईकर्मी नहीं होने से कचरे का अंबार लगा रहता है और खाली जगहों पर झाड़ियां उग आई हैं। वहां मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा कि गंगानगर कालोनी में शायद ही कहीं डस्टबिन है और घरों का कचरा सीधा सड़कों पर फेंका जाता है।