राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने काजीरंगा नेशनल पार्क से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर अतिक्रमण और वाणिज्यिक गतिविधियों को रोक पाने में नाकामी के लिए असम सरकार की आलोचना की है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि पशुओं के लिए निर्धारित गलियारों में बड़ी संख्या में ढाबे और रेस्तरां हैं। हमें समझ नहीं आ रहा कि आप फिजूल में यह तर्क क्यों दे रहे हैं कि वहां ढाबे नहीं हैं। हमारे विशेषज्ञ सदस्य ने भी देखा है। जहां से जानवर गुजरते हैं आप उन क्षेत्रों और सड़कों को देख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि क्या आपने पशुओं के लिए निर्धारित गलियारे में सेंसर संचालित स्वचालित अवरोधक लगाए हैं? आप अगली सुनवाई से पहले यह लगा सकते हैं नहीं तो हम आपकी सड़क बंद कर देंगे। हमारी मंशा है कि पार्क और जानवरों का संरक्षण होना चाहिए। हरित अधिकरण ने काजीरंगा नेशनल पार्क के निदेशक एमके यादव को दो हफ्ते के भीतर पार्क के 10 किलोमीटर के दायरे में होटल और परियोजनाएं, अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों सहित विभिन्न पहलुओं के बारे में अवगत कराने को कहा है।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी तय की है। अधिकरण ने असम सरकार को वाहनों की आवाजाही से सड़कों पर जानवरों की मौत रोकने के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराने और इस पर समग्र रिपोर्ट पेश करने को कहा है।