संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद से नकद चालान जारी करने में 75 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसकी वजह से दिल्ली यातायात पुलिस ने मुख्य सचिव विजय कुमार देव को एक पत्र भेजकर चालान के निपटारे के लिए नए सिरे से सूचना जारी करने की मांग की। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक नवंबर में मुख्य सचिव को पत्र भेजने से पहले स्पेशल सीपी (यातायात) ताज हसन ने मामले में दिल्ली परिवहन विभाग को चार पत्र भेजे थे। मामला अभी विचाराधीन है।

ज्यादातर अदालतों में जमा हो रहे हैं चालान : सूत्रों के मुताबिक स्पेशल सीपी ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में बताया है कि पहली सितंबर से पहले लगभग 95 प्रतिशत कैमरा-डिटेक्ट उल्लंघन या तो ऑनलाइन जमा किए गए या ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के माध्यम से भुगतान किए गए, लेकिन जब से संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू हुआ है, चालान अदालतों में जा रहे हैं।

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नई सूचना जारी करने का किया अनुरोध : एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “यातायात विभाग अब उल्लंघनकर्ताओं को डाक के माध्यम से नोटिस भेजकर उन्हें अदालत में जाकर चालान का भुगतान करने के लिए कह रहा है। कहा कि उनके विभाग के साथ-साथ अदालतों पर भी काम का बोझ बढ़ गया है।” हासन ने अपने पत्र में मुख्य सचिव से इस संबंध में नई सूचना जारी करने का अनुरोध किया।

अब  1500 चालान अदालतों में भेजे जा रहे हैं : एक अधिकारी ने कहा, “विशेष सीपी ने लिखा है कि पहले, वे हर दिन 20,000 चालान जारी कर रहे थे, जिनमें से केवल 1,500 चालान अदालत भेजे गए थे। लेकिन अब, स्थिति बदल गई है। वे ट्रैफिक चालान जिसमें दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है को वर्चुअल कोर्ट में भेजा जा रहा है और जिसमें वाहन के साथ दस्तावेज जब्त किए गए हैं, उनके दस्तावेज महानगरीय मजिस्ट्रेट की अदालतों को भेजे जाते हैं।