दिल्ली में अगले महीने 23 अप्रैल को होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए सारी पार्टियों ने कमर कस ली है। वहीं पिछले तीन महीनों के अंदर-अंदर नगर निगम द्वारा 60 परियोजानाओं का उद्घाटन किया जा चुका है। जिनकी लागत 744 रुपए करोड़ है। इनमें आपदा प्रबंधन केंद्र, 16 स्कूल, 7 सामुदायिक केंद्र और दो बड़े और छोटे खेल के स्टेडियमों के निर्माण की परियोजनाएं शामिल हैं। इनसे अलग सबसे बड़ी नगर निगम की नरेला-बवाना अपशिष्ट उर्जा सयंत्र बनाने वाली परियोजना है, जिसकी लागत 485 करोड़ रुपए है। इसका उद्घाटन 10 मार्च को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकया नायडू ने किया था।
पिछले साल बहुत ही कम योजनाएं नगर निगम द्वारा लांच की गई थी। राजधानी के तीन में से दो नगर निगम नोर्थ और ईस्ट को अपने कर्मचारियों को तनख्वा देने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। दोनों निगमों ने 40 योजनाओं पर काफी पैसा खर्च किया है। नगर निगम पर पिछले 10 सालों से बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया हुआ है। 31 अप्रेल को बीजेपी का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है जिसके चलते नई परियोजनाओं में पॉलीक्लिनिक, पार्किंग के लिए जगह बनाना भी शामिल है। इन योजनाओं के जरिए बीजेपी आखिरी समय में विकास का काम करने की तैयारी कर रही है।
वहीं विपक्ष का कहना है कि अब जैसे उनका यह कार्यकाल खत्म होने जा रहा है तो आखिरी समय में नगर निगम ने परियोजानओं का उद्घाटन किया जिससे कि वह अपनी डूबती नईया को बचा सके। इन सालों में निगम ने काम के नाम पर लोगों को सिर्फ बेवकूफ बनाया है। कांग्रेस के फरहाद सूरी का कहना है कि बीजेपी ने आधारिक संरचना में पिछले पांच साल में कोई पैसा नहीं लगाया है। जब उनका कार्यकाल खत्म होने जा रहा है तो वे विकास करने के बारे में सोच रही है जिसके लिए वे कई योजनाओं का उद्घाटन कर रही है। बीजेपी का यह प्रयास आगामी नगर निगम चुनावों में किताना फायदेमंद साबित होगा यह तो बाद में ही पता चलेगा।