दुनिया जब मान रही थी कि अल कायदा का चीफ जवाहिरी धरती पर नहीं है। उसकी मौत को यकीनी माना जा रहा था। तभी कर्नाटक के हिजाब विवाद में एक वीडियो ने सनसनी फैला दी। ये वीडियो अल कायदा चीफ जवाहिरी का था। उसने अपने संदेश में हिजाब विवाद से सुर्खियों में आई मुस्लिम लड़की की तारीफ करते हुए मुस्लिमों की भावनाओं को झिंझोड़ने की भी कोशिश की।

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in

अयमान अल-जवाहिरी ने उस छात्रा मुस्कान की तारीफ की जो जय श्रीराम के नारे लगाती भीड़ का सामने डटकर खड़ी रही थी। जवाहिरी ने उसको अपनी बहन बताकर एक कविता भी पढ़ी। उसने वीडियो के साथ एक पोस्टर भी जारी किया गया था। इसमें मुस्कान के लिए लिखा- भारत की नोबल लेडी। आतंकी सरगना छात्रा के लिए एक कविता भी पढ़ता नजर आ रहा था। उसने कहा कि मुझे मुस्कान के बारे में पता चला और इस बहन ने तकबीर की आवाज उठाकर उसका दिल जीत लिया है। जवाहिरी ने उन देशों के खिलाफ आग उगली जो हिजाब को गलत मानते हैं।

लेकिन अब ये आतंकी सरगना इस दुनिया में नहीं है। अमेरिकी हमले में उसकी मौत होने की खबर है। भारत के लिहाज से देखा जाए तो जवाहिरी के निशाने पर भारत पहले उतना नहीं था। उसकी लड़ाई पश्चिमी देशों के खिलाफ ही ज्यादा थी। वो कभी कभार कश्मीर के मुद्दे पर बोला पर किसी घटना विशेष का उल्लेख कर उसने जख्मों को हरा करने की कोशिश नहीं की।

https://www.youtube.com/watch?v=8XpchfquKCo

अल कायदा जब सारी दुनिया में कमजोर पड़ने लगा तब उसने मुस्कान के नाम वीडियो जारी करके भारतीय मुस्लिमों को गोलबंद करने की नाकाम कोशिश की। उसे करारा जवाब मिला मुस्कान के पिता से। मोहम्मद हुसैन ने जवाहिरी को करारा जवाब देते हुए कहा कि उनके मुल्क के मामलों में दखल देने का किसी को कोई हक नहीं है। वो नहीं जानते कि जवाहिरी कौन है और उसे भारत के मामलों में बोलने का हक किसने दिया।

जून में सामने आई संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि अल कायदा के 180 से 400 लड़ाके भारतीय उप महाद्वीप में सक्रिय हैं। ये बांग्लादेश, म्यांमार, भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के बाशिंदे हैं। जावाहिरी की मौत से एक बात सामने आई कि अफगानिस्तान में अभी भी आतंकी संगठन सक्रिय हैं। भारत वैसे तालिबान सरकार को मानवते के दृष्टिकोण से मदद जारी रखेगा लेकिन उसे अपनी आंखें भी खुली रखनी होंगी। जैश के मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा जैसे संगठन तालिबानी सरकार की सरपरस्ती में फल फूल रहे हैं। इन्हें पाकिस्तान भी पनाह देता है।