भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के तीखे तेवर लगातार दिख रहे हैं। इस बार भी वह अपनी ही पार्टी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी को असहज करते दिख रहे हैं। इस बार उन्होंने भारतीय और चाइनीज मीडिया की तुलना की तो पीएमओ को ही लपेट लिया। स्वामी ने अपने ट्वीट के जरिए एक तरह से पीएम मोदी पर कटाक्ष किया है, क्योंकि पीएमओ सीधे तौर पर मोदी से मिले दिशा निर्देशों के अनुरूप ही काम करता है।
स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा-चीनी और भारतीय मीडिया में सबसे बड़ा अंतर यह है कि चीन की सरकार सही खबरों को भी डिलीट करवा देती है जबकि भारत में पीएमओ की फेक आईडी ब्रिगेड गलत खबरें प्लांट करा देती है। ध्यान रहे कि स्वामी ने कुछ दिनों पहले चीन को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। अपने ही सांसद के आलोचनात्मक रवैये से बीजेपी को खासी परेशानी हो रही है।
The difference between Chinese media and Indian media is that in the former the Government deletes true news while in Indian media the PMO’s fake ID brigade inserts false news
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 20, 2021
तब स्वामी ने पीएम के 2020 के बयान को इंगित करके उन्हें कटघरे में खड़ा किया था। पीएम ने तब कहा था कि कोई आया-गया नहीं। मोदी का इशारा इस बात पर था कि भारत की धरती पर चीन की सेना नहीं आई। स्वामी का कहना था कि जब भारत की सेना चीन की छाती पर चढ़कर बैठी थी तो समझौता कर लिया गया। इससे चीन को तो फायदा है, लेकिन भारत के लिए यह बड़ा नुकसान है।
स्वामी ने विदेश मंत्रालय पर निशाना साधते हुए भी ट्वीट किया था। ट्वीट में उन्होंने एक पहेली का जवाब देने को कहा। स्वामी ने लिखा कि विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि चीनी सेना पीएलए ने कभी भी एलएसी पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं किया है। लेकिन अब विदेश मंत्रालय कह रहा है कि भारत सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर बड़ी जीत हासिल की है। चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र से वापसी शुरू कर दी है। क्या दोनों चीजें सही हो सकती हैं।
राज्यसभा सांसद देश की स्थिति को लेकर लगातार केंद्र सरकार से सवाल कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले भी उन्होंने अपनी ही पार्टी की नीतियों को लेकर तंज कसा था। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि ‘राम के भारत में पेट्रोल 93 रुपये, सीता के नेपाल में 53 रुपये और रावण की लंका में पेट्रोल 51 रुपये है। उनके तेवरों से बीजेपी खासी असहज हो रही है। हालांकि अभी तक बीजेपी ने स्वामी को आधिकारिक तौर पर ऐसा करने से रोका नहीं है।

