दिल्ली की एक विशेष अदालत ने एक एलआईसी एजेंट की जमानत याचिका को यह कहते हुए शनिवार (20 अगस्त) को खारिज कर दिया कि अपराध में उसकी संलिप्तता को दर्शाने के लिए पर्याप्त सामग्री है। एलआईसी एजेंट को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य से संबंधित धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया गया है। विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार ने कहा, ‘अब तक जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री आवेदक (आनंद चौहान) के धन शोधन के अपराध में सक्रिय रूप से संलिप्त होने के निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त है।’

न्यायाधीश ने कहा, ‘मेरी राय है कि यह नहीं कहा जा सकता कि आवेदक (चौहान) के खिलाफ सामग्री पर्याप्त नहीं है या वह अपराध की परिधि पर है। धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के कठोर प्रावधानों के मद्देनजर मैं आवेदक को जमानत देने को प्रवृत्त नहीं हूं।’ चौहान को नौ जुलाई को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया था क्योंकि वह प्रवर्तन निदेशालय के साथ कथित तौर पर सहयोग नहीं कर रहा था।