दादरी मामले, हरियाणा में दलित परिवार के घर में आग लगाने समेत कुछ अन्य घटनाओं पर जारी आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एकता को विकास का मंत्र एवं जड़ी बूटी बताते हुए कहा कि भारत अनेक पंथ, सम्प्रदाय, बोली, जाति, परिवेश से युक्त विविधताओं से भरा देश है और इन विविधताओं के कारण ही हमारी शोभा है इसे हमें अपने चिंतन, व्यवहार और अभिव्यक्ति का माध्यम बनाना चाहिए।
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत विविधताओं से भरा हुआ है। अनेक पंथ, अनेक सम्प्रदाय, अनेक बोलियां, अनेक जातियां, अनेक परिवेश के साथ विविधताओं से भरा हुआ अपना भारत देश। ये विविधता ही तो है, जिसके कारण हमारी शोभा है। ये विविधता न होती तो शायद जिस शोभा के लिए हम गर्व करते हैं वो नहीं कर पाते। और इसलिये, विविधता ही एकता का मंत्र है। शान्ति, सद्भावना, एकता विकास की जड़ी बूटी हैं।’’
एक भारत, श्रेष्ठ भारत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते ही पूरा भारत का मानचित्र सामने आता है। भारत की एकता के लिए इस महापुरुष ने बहुत बड़ा योगदान किया है। लौह पुरुष के रूप में अपने सामर्थ्य का परिचय दिलाया है। सरदार साहब को तो हम श्रद्धांजलि देंगे लेकिन भारत को एक करने के उनके सपने और भौगोलिक रूप से देश को एक करने के कार्य के मद्देनजर एकता का मंत्र निरंतर हमारे चिंतन, व्यवहार और अभिव्यक्ति का माध्यम होना चाहिए।
दलितों, पीड़ितों, पिछड़े वर्ग के उत्थान में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मैं इस बार ब्रिटेन की यात्रा के लिए बहुत रोमांचित हूं। उसका विशेष कारण है। कुछ सप्ताह पूर्व मैं मुंबई में बाबा साहेब अम्बेडकर की चैत्य भूमि के पास एक भव्य स्मारक का शिलान्यास करने गया था और अब लंदन में जिस घर में बाबा साहेब अम्बेडकर रहते थे वह भारत की संपत्ति बन गया है, उसका विधिवत रूप से उदघाटन करने के लिए जा रहा हूं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दलित हो, पीड़ित हों, शोषित हों, वंचित हों, पिछड़े हों, कठिनाइयों से जिंदगी गुजारने वाले किसी भी भारतीय के लिए बाबा साहेब अम्बेडकर का यह भवन इस बात की प्रेरणा देता है कि अगर इच्छा शक्ति प्रबल हो तो संकटों को पार करके भी अपने जीवन को आगे बढ़ाया जा सकता है, शिक्षा प्राप्त की जा सकती है।’’
उन्होंने कहा कि लोगों को यह महसूस होगा कि यही वह जगह है जिस जगह पर बैठकर बाबा साहेब अम्बेडकर ने तपस्या की थी। ‘भारत सरकार और राज्य सरकारें समाज के दलितों ,आदिवासियों और पिछड़े वर्गो के होनहार बच्चों को छात्रवृत्ति देती हैं जो विदेश पढ़ने जाते हैं। भारत सरकार भी होनहार दलित युवक युवतियों को प्रोत्साहन देती है। मुझे विश्वास है कि जब ब्रिटेन में भारत से हमारे बच्चे जाएंगे तो बाबा साहेब अम्बेडकर का ये स्थान उनके लिए तीर्थ क्षेत्र और प्रेरणा भूमि बन जाएगा।
सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले कई वर्षो से 31 अक्तूबर को देश के कई कोनों में ‘एकता की दौड़’ के कार्यक्रम हो रहे हैं। मुझे भी पहले उसमें शरीक होने का सौभाज्ञ मिला है। मैंने सुना है इस बार भी चारों तरफ इसकी योजनाएं बन रही हैं, लोग उत्साह से एकता की दौड़ की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एकता की दौड़ ही सच्चे अर्थ में विकास की दौड़ है। दूसरे अर्थ में कहूं तो विकास की दौड़ की गारंटी भी एकता की दौड़ है। आइये, सरदार साहब को श्रद्धांजलि दें और एकता के मंत्र को आगे बढ़ाएं।’’
स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गत वर्ष दिवाली के त्योहार के बाद हमारे देश में विशेष करके मीडिया ने एक बड़ी मुहिम चलायी और दिवाली के बाद जहां जहां पटाखे पड़े थे वो सारी चीजें दिखाई और कहा कि ये ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि मीडिया ने एक जागृति का अभियान चला लिया था। और उसका परिणाम यह आया कि दिवाली के तुरंत बाद एक सफाई का अभियान चल पड़ा था, अपने आप चल पड़ा। हम त्योहार के पहले जितनी चिंता करते हैं, त्योहार के बाद भी ऐसी चिंता करनी चाहिये। हर सार्वजनिक कार्यक्रम में करनी चाहिए। और मैं आज विशेष रूप से हिन्दुस्तान के सारे मीडिया जगत को अभिनन्दन करना चाहता हूं।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि एक जनवरी 2016 से केंद्र सरकार के ग्रुप डी, ग्रुप सी और ग्रुप बी के गैर राजपत्रित पदों पर नियुक्ति के लिए अब साक्षात्कार नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज गर्व से कहना चाहता हूं कि सरकार ने सारी प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली हैं और केंद्र सरकार के ग्रुप डी, ग्रुप सी और ग्रुप बी के गैर राजपत्रित पदों में अब भर्ती के लिए साक्षात्कार नहीं होगा, इंटरव्यू नहीं होगा। एक जनवरी, 2016 ये लागू हो जायेगा।’’
उन्होंने कहा कि अभी जहां प्रक्रियाएं चल रही है उसमें कोई रुकावट हम नहीं करेंगे, लेकिन एक जनवरी, 2016 से यह लागू हो जायेगा। तो सभी युवा मित्रों को मेरी शुभकामना है।
सोने को ‘डेड मनी’ से ‘जीवंत ताकत’ बनाकर इसे देश की आर्थिक सम्पत्ति बनाने पर जोर देते हुए मोदी ने आज ‘गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम’ की घोषणा की जिसके तहत बैंकों में सोना रखने वालों को ब्याज के रूप में आर्थिक लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सोना आर्थिक शक्ति और देश की आर्थिक संपत्ति बन सकता है। हर भारतवासी को इसमें योगदान देना चाहिए। आज मुझे खुशी है कि बजट में जो हमने वायदा किया था, इस दीवाली के त्योहार में और जबकि धनतेरस और लोग उस दिन खासरूप से सोना खरीदते हैं, तो, उसके पूर्व ही हम महत्वपूर्ण योजनाओं को लॉन्च करने जा रहे हैं। हम ‘गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम’ लाए हैं। इसके अंतर्गत आप अपना गोल्ड बैंक में जमा कर सकते हैं और बैंक उस पर आपको ब्याज देगी जैसे कि आप अपने पैसे जमा करते हैं और ब्याज मिलता है।’’
अंग दान को एक उत्सव का दर्जा देने का देशवासियों से आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय जितने प्रतिरोपण की जरूरत है उसके मुकाबले अंग दान बहुत कम हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह विषय काफी महत्वपूर्ण है। देश में प्रति वर्ष ढाई लाख से भी अधिक किडनी, हार्ट और लीवर प्रतिरोपण की जरूरत है। लेकिन सवा सौ करोड़ के देश में हम सिर्फ पांच हजार प्रतिरोपण को ही सफल कर पाते हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘हर साल एक लाख आंखों को रोशनी की जरूरत होती है। और हम सिर्फ पच्चीस हजार तक पहुंच पाते हैं। चार आंखों की जरूरत हो, हम सिर्फ एक दे पाते हैं। सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर शरीर के अंग का दान किया जा सकता है। कुछ कानूनी उलझने भी हैं। राज्यों को भी इस दिशा में मार्गदर्शन करने का प्रयास हुआ है।’’
सोमवार से शुरू हो रहे भारत अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर मोदी ने कहा कि यह न केवल अफ्रीका के बाहर अफ्रीका का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा बल्कि यह दोनों के क्षेत्र के जनता के बीच के मिलन को और आगे ले जायेगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले 26 से 29 अक्टूबर, भारत की राजधानी नई दिल्ली में भारत अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है जो अफ्रीका के बाहर अफ्रीकी देशों का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। ये जनता का भी मिलन होना चाहिये।
प्रधानमंत्री ने जल्द ही आने वाले दीवाली को धूमधाम से मनाने के साथ लोगों को पटाखों के कारण बच्चों को हो सकने वाले नुकसान से बचाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आप सब लोग दीवाली की तैयारियों में लगे होंगे, घर में सफाई होती होंगी। नई चीजें खरीदी जाती होंगी। दीपावाली का पर्व हमारे देश के हर कोने में अलग-अलग रूप से मनाया जाता है। ‘‘दीपावली के पावन पर्व के लिए मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।’’