लाजपत नगर में रविवार दोपहर जल बोर्ड के सैप्टिक टैंक की सफाई करने के दौरान तीन कर्मचारियों की मौत हो गई और एक को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। शुरुआती जांच के मुताबिक इनकी मौत जहरीली गैस की चपेट में आने से हुई है। पुलिस ने धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इससे पहले 15 जुलाई को दक्षिणी दिल्ली के घिटोरनी इलाके में एक सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से चार सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई थी और एक बेहोश हो गया था। दिल्ली सरकार के जल मंत्री राजेंद्र गौतम ने एक जांच समिति बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। गौतम ने कहा है कि सफाई कर्मचारी जल बोर्ड का नहीं था न ही जल बोर्ड से अधिकृत किया गया था।
दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया के मुताबिक रविवार दोपहर करीब एक बजे पीसीआर को जानकारी मिली कि लाजपत नगर इलाके में नाले की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की मौत हो गई है। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि चार सफाई कर्मचारी सीवर-नाले की सफाई के लिए नीचे उतरे थे जिसमें सभी बेहोश हो गए। फौरन इन्हें बाहर निकालने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने इलाज के दौरान तीन को मृत घोषित कर दिया जबकि राजेश नाम के एक मजदूर का इलाज चल रहा है। मृतकों में दो की पहचान हो पाई है। ये पूर्वी दिल्ली के खिचड़ीपुर के रहने वाले थे। मृतकों की पहचान जोगेंद्र (32) और अन्नू (28) के रूप में हुई है। तीसरे मृतक की उम्र 25 साल के करीब बताई गई है।हालांकि पुलिस का कहना है कि सोमवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा। मृतकों के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। संबंधित एजंसियों के अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि किन हालातों में इन्हें सीवर में नीचे उतारा गया था। इनके पास मास्क और बचाव के अन्य उपकरण थे या नहीं। महरौली इलाके के घिटोरनी में एक निर्माणाधीन मकान के पानी की टैंक की सफाई के दौरान यह बड़ा हादसा हुआ था। हादसे के बाद स्थानीय सांसद, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और दिल्ली सरकार के मंत्री सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने का भरोसा देते हुए मुआवजे की घोषणा की थी।

