दिल्ली की एक अदालत ने सैयद लियाकत शाह को क्लीन चिट देने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी :एनआईए: के आरोपपत्र पर विचार के लिए 21 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है । लियाकत को 2013 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था । पुलिस का दावा था कि लियाकत प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी है और दिल्ली में हमले की साजिश रच रहा था।
जिला न्यायाधीश अमरनाथ की अदालत में सुनवाई के लिए यह मामला आया । एनआईए ने आरोपपत्र की प्रति और दस्तावेज लियाकत के वकील को सौंपे । अदालत ने लियाकत की याचिका मानते हुए उसे अगले आदेश तक व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से छूट दे दी ।
सुनवाई के दौरान लियाकत के वकील आसिम अली ने अपने मुवक्किल को व्यक्तिगत पेशी से स्थायी रूप से छूट देने का आग्रह किया । अली ने कहा कि लियाकत गरीब आदमी है और कश्मीर के कुपवाड़ा से दिल्ली सुनवाई के लिए आने जाने में खर्च होने वाली राशि वह वहन नहीं कर सकता ।
वकील ने कहा कि लियाकत काफी गरीब आदमी है और मजदूरी करके आजीविका चलाता है । उसके परिवार में पांच सदस्य हैं, जिनके लिए वह कमाता है इसलिए वह अदालत के समक्ष सुनवाई की हर तारीख पर पेश होने के लिए जम्मू कश्मीर से नयी दिल्ली के बीच की लंबी दूरी तय करने में आने वाला खर्च तथा अन्य खर्च वहन करने में अक्षम है ।
