दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली चुनाव आयोग से पूछा कि क्या उसका इरादा योगेंद्र यादव नीत स्वराज इंडिया जैसे पंजीकृत लेकिन गैरमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को समान चुनाव निशान देने का है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने दिल्ली राज्य चुनाव आयोग से कहा, ‘क्या राज्य चुनाव आयोग की मंशा पंजीकृत लेकिन गैरमान्यता प्राप्त दलों को समान चुनाव निशान देने की है। क्या आप (चुनाव आयोग) नियम में बदलाव के लिए इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को कोई पत्र लिखेंगे’?
अदालत ने आयोग से यह सवाल उस समय किया जब स्वराज इंडिया की ओर से पेश शांति भूषण ने कहा कि पंजीकृत लेकिन गैरमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को समान चुनाव निशान आबंटित करने के लिए नियमों में संशोधन पर विचार के लिए दिल्ली सरकार को पत्र लिखा गया है। भूषण ने उस याचिका पर दलीलों के दौरान ये बातें कहीं जिसमें आगामी दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने के लिए स्वराज इंडिया को समान चुनाव निशान आबंटित नहीं करने के आयोग के फैसले को चुनौती दी गई थी। दलीलों पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयोग के वकील सुमीत पुष्करणा से शुक्रवार तक उसके सवाल का जवाब देने को कहा।
निगम चुनाव में सात वाम दलों की साझेदारी
दिल्ली नगर निगम के आगामी चुनावों में सात वामपंथी पार्टियां भी मैदान में उतरने जा रही हैं। माकपा, भाकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, भाकपा (माले-लिबरेशन), एसयूसीआइ (सी), आरएसपी और सीजीपीआइ ने संयुक्त रूप से नगर निगम चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
यह फैसला इन पार्टियों के दिल्ली राज्य नेतृत्व की बुधवार को हुई बैठक में लिया गया। वामपंथी पार्टियां तीनों नगर निगमों में भाजपा और कांग्रेस के कुशासन व भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करेंगी। काफी समय से दिल्ली नगर निगम में भाजपा का कब्जा है। वे वैकल्पिक नजरिये व नीतियों के आधार पर मतदाताओं से मत मांगेंगी। बैठक में धीरेंद्र शर्मा, दिनेश वार्ष्णेय, केएम तिवारी, पीएमएस ग्रेवाल, धर्मेंद्र वर्मा, अमरनाथ तिवारी, प्रेम शर्मा, आरएस डागर और बिरजू नायक मौजूद थे।