सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद की गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि बढ़ाने के पहले के आदेश को गलती के रूप में रेखांकित करते हुए संकेत दिया कि यह राहत तीन जजों की बजाए दो जजों की पीठ ने दी थी।
न्यायमूर्ति एआर दवे और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ के समक्ष तीस्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस दंपति को गिरफ्तारी से मिला संरक्षण 15 अक्तूबर को समाप्त हो रहा है। पिछली बार दो सदस्यीय पीठ ने ही राहत की इस अवधि को बढ़ाया था। इस पर जजों ने टिप्पणी की-‘पहले, यह एक गलती थी।’
पीठ ने कहा कि यह तीन जजों की पीठ का मामला है और इसे उचित पीठ के समक्ष पेश किया जाए। अदालत ने सिब्बल से कहा कि राहत के लिए उचित पीठ के गठन हेतु प्रधान न्यायाधीश के समक्ष इसका उल्लेख किया जाए। इस पर तीस्ता दंपति के वकील ने कहा, ‘मैं इस संरक्षण को खोना नहीं चाहता।’
इस बीच, गुजरात पुलिस के वकील ने चुनिंदा दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए तीस्ता को निर्देश देने संबंधी पुलिस की अर्जी पर सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
अदालत ने 11 सितंबर को इस मामले में तीस्ता और उनके पति को गिरफ्तारी से मिले संरक्षण की अवधि चार सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी। सिब्बल ने उस समय इस दंपति की ओर से मामले का उल्लेख किया था और कहा था कि अंतरिम आदेश 15 सितंबर को खत्म हो रहा था। सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद ने इस मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार करने संबंधी गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
शीर्ष अदालत ने तीस्ता दंपति की अग्रिम जमानत की याचिका पर नए सिरे से सुनवाई के लिए 16 अप्रैल को तीन जजों की पीठ का गठन किया था क्योंकि न्यायमूर्ति दीपक मिश्र और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने इस मामले में इस दंपति को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करते हुए सारा मामला वृहद पीठ को सौंप दिया था। तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति ने गुजरात पुलिस के हलफनामे में लगाए गए सारे आरोपों से इनकार किया है।
तीस्ता और उनके पति को यह राहत गुजरात के 2002 में तबाह हुई अमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में संग्रहालय के लिए एकत्र धन के कथित गबन के मामले में यह राहत दी गई थी। पुलिस का आरोप है कि इस दंपति ने धर्मार्थ प्रयोजन के लिए एकत्र धन का गबन कर उसे वाहन से लेकर मोबाइल फोन खरीदने जैसी अपनी निजी जरूरतों पर खर्च किया। हलफनामे में साक्ष्यों से छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया गया है।
तीस्ता और उनके पति ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि राजनीतिक विद्वेष की वजह से उन्हें इस मामले में फंसाया गया है।