सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय मौत की जांच कर रहे अधिकारी उनके पति शशि थरूर से फिर से पूछताछ कर सकते हैं। उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की अनुमति लेने के लिए दिल्ली पुलिस जल्द अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकती है। उधर, सुनंदा के विसरा नमूनों पर एफबीआइ की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मौत जहर से हुई। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि थरूर का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति लेने के लिए जांच अधिकारी जल्द अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं क्योंकि जांच अधिकारी इस हाई प्रोफाइल मामले को उसके तार्किक अंजाम तक ले जाना चाहते हैं।

जांच अधिकारियों ने अब तक छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया है। इसमें थरूर के घरेलू नौकर नारायण सिंह और चालक बजरंगी और परिवार के करीबी मित्र संजय दीवान समेत सभी मुख्य गवाह शामिल हैं। थरूर का पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं किया गया, लेकिन उनसे मामले में तीन बार पूछताछ की जा चुकी है। सुनंदा (52) पिछले साल 17 जनवरी को एक पंचसितारा होटल में मृत पाई गई थी। इससे एक दिन पहले उनका पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के साथ ट्विटर पर थरूर के साथ उनके कथित अफेयर को लेकर झगड़ा हुआ था। सूत्रों ने बताया कि थरूर से फिर से पूछताछ की जाएगी क्योंकि सुनंदा के विसरा पर एफबीआई की आठ पन्नों की रिपोर्ट में जांच के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। पुलिस जल्द रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी।

सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को ई-मेल के जरिए हासिल रिपोर्ट में कहा गया कि सुनंदा की किसी जहर से मौत हुई। रिपोर्ट में जहर के नाम का उल्लेख किया गया है। हालांकि, पुलिस ने अब तक इस बात का खुलासा करने से मना कर दिया है कि रिपोर्ट में किस तरह के जहर का उल्लेख किया गया है। दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने कहा कि वाशिंगटन डीसी स्थित प्रयोगशाला की रिपोर्ट को मामले में आगे की कार्रवाई से पहले जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। बस्सी के मुताबिक एफबीआइ प्रयोगशाला ने विभिन्न पदार्थों का विश्लेषण किया था।

रिपोर्ट में रेडियो सक्रिय तत्व पोलोनियम से सुनंदा की मौत होने से इनकार किया गया है। बस्सी ने कहा उनके विसरा नमूनों में विकिरण का स्तर मानक सुरक्षा मानदंडों के भीतर था। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट का विश्लेषण करने में समय लगेगा और अदालत में रिपोर्ट सौंपने के बाद भी इससे जुड़े सभी कानूनी मुद्दों का अध्ययन करके ही इसे साझा किया जाएगा। विसरा नमूने एफबीआइ प्रयोगशाला को फरवरी में भेजे गए थे, ताकि इस बात का निर्धारण किया जा सके कि किस तरह के जहर से सुनंदा की मौत हुई। एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा की मौत के पीछे जहर को कारण बताया था, लेकिन उस खास पदार्थ का नाम नहीं बताया था जिससे सुनंदा की मौत हुई। सूत्रों ने बताया कि पुलिस अगले कुछ दिनों में रिपोर्ट का विस्तृत ब्योरा हासिल करने की उम्मीद कर रही है। बता दें कि इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एम्स के फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख सुधीर गुप्ता अपनी राय पर कायम हैं कि जहर की वजह से सुनंदा की मौत हुई थी।