प्रवर्तन निदेशालय ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी और अब कोर्ट ने 9 जून तक सत्येन्द्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में भेज दिया है। सत्येन्द्र जैन को सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी का प्रतिनिधित्व किया जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने विशेष अदालत के समक्ष आज मामले में सत्येन्द्र जैन का प्रतिनिधित्व किया।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई द्वारा वर्ष 2017 में मंत्री और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है। सत्येन्द्र जैन पर यह आरोप लगाया गया था कि फरवरी 2015 से मई 2017 की अवधि के दौरान मंत्री ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। सीबीआई ने तब सत्येन्द्र जैन के खिलाफ दिसंबर 2018 में चार्जशीट दाखिल की थी।
कोर्ट ने ईडी से पूछा की 14 दिन की कस्टडी क्यों? इसके जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि मनी ट्रेल लेनदेन की एकीकृत प्रकृति को ध्यान में रखते हुए 14 दिन की कस्टडी मांगी है। उन्होंने कहा कि आईपीसी और पीएमएलए के तहत अन्य अपराधों के बीच अंतर यह है कि आईपीसी के कई अपराध क्षण भर में किए जा सकते हैं।
सत्येंद्र जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि सत्येन्द्र जैन जांच में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “आवेदक की क्या भूमिका है? अगर वे 2011-17 के बीच की अवधि की बात कर रहे हैं, तो वह चेक अवधि है। जाहिर है सब कुछ इस अवधि से संबंधित होना चाहिए। लेकिन ये सब इस अवधि से संबंधित नहीं है।”
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने मंत्री का बचाव किया है। अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपने मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी पर केंद्र के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा कि मामला पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कट्टर ईमानदार सरकार है और वो भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करते।