कनॉट प्लेस की पहचान रहे रीगल सिनेमा हॉल के युग का अंत हो रहा है। इस सिनेमा हॉल में अंतिम फिल्म फिल्लौरी चल रही है और 31 मार्च को इसके बंद होने की सूचना चस्पा कर दी गई है। इसके साथ ही रीगल हमेशा के लिए अपने दर्शकों को अलविदा कह देगा। डिजिटल स्क्रीन के दौर में सिंगल स्क्रीन वाले रीगल की पुरानी इमारत में दर्शकों की कमी इसके बंद होने की बड़ी वजह रही है। रीगल के मालिकों को सिंगल स्क्रीन की फीकी पड़ रही चमक का पहले ही अहसास हो गया था। दूसरी ओर, एनडीएमसी की ओर से कनॉट प्लेस क्षेत्र की इमारतों के मानक संबंधी नोटिस में रीगल की इमारत का फिटनेस प्रमाण पत्र मांगा गया था। पुरानी इमारत होने से रीगल के मालिकों के मन में कुछ साल पहले उपहार सिनेमा हॉल की घटना ताजा हो गई जिसके बाद अब यहां मल्टीप्लेस खोलने की योजना बन गई है।

वर्ष 1932 में शुरू हुआ यह सिनेमा हॉल दिल्ली का प्रीमियर थियेटर कहलाता था। 84 साल पुराने इस सिनेमा हॉल में फिल्म देखने आने वालों में दिग्गज राजनेता और बॉलीवुड हस्तियां शामिल रही हैं। सिनेमा हॉल के कर्ताधर्ता और अकाउंटेंट अमर सिंह वर्मा बताते हैं कि सिंगल स्क्रीन इस दौर में कहां टिकती हैं। वर्मा 40 साल से रीगल से जुड़े हैं। वह बीते दिनों के बारे याद करते हुए कहते हैं कि यहां दो-दो सप्ताह पहले लोग टिकट लेने के लिए उमड़ पड़ते थे। फिल्में लगातार हाउस फुल चलती थीं। हम किसी को एक टिकट उपलब्ध करा दे तो वह शुक्रगुजार हुआ करता था। वहीं आज दौर बदल चुका है। किसी को एक प्लेट नाश्ता कराके भी यहां फिल्म नहीं दिखा सकते। हाल ही में रीगल की इमारत को लेकर एनडीएमसी की ओर से फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए नोटिस जारी किया गया था। मानकों पर खरा नहीं उतरने की वजह से इसे नहीं चलाया जा सकता।