देश को “सांस्कृतिक प्रदूषण” से मुक्ति दिलाने और युवाओं में “मूल्यों” का संचार करने के मकसद से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में जल्द ही महाभारत, रामायण और गीता के पाठों को शामिल करेगी। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों को भारत के सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में शिक्षित करने की योजना पर काम कर रहा है।

भाजपा शासित राज्यों एवं केंद्र के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रियों और आरएसएस के शीर्ष प्रतिनिधियों के बीच हुई विस्तृत चर्चा के बाद यह कवायद शुरू की गई है। इस योजना का ब्योरा देते हुए संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि सरकार इस आलोचना की परवाह नहीं करेगी कि वह आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।

शर्मा ने कहा, ‘‘हम इसे अपनी संस्कृति के एक हिस्से के तौर पर लाना चाहते हैं ताकि छात्रों को मूल्यों की शिक्षा दी जाए। उन्हें महाभारत की शिक्षा, रामायण की शिक्षा दी जानी चाहए। उन्हें गीता और जाति, वर्ग एवं धर्म से परे सभी आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा दी जानी चाहिए।’’

मंत्री ने कहा कि 60 साल से भी ज्यादा समय तक इस देश की राजनीति पर हावी रहे एक खास परिवार की सोच को शिक्षा प्रणाली में डाला गया है और ‘‘राजग सरकार भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बहाल करने के लिए कटिबद्ध है।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘यहां वंश रहा है। अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर, आप उस परिवार की सोच को जिम्मेदार करार दे सकते हैं। यह व्यवस्था काम करती है। मोटे तौर पर व्यवस्था में उस परिवार की सोच को डाल दिया गया है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीएसई को गीता, महाभारत और रामायण की शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए कहा जाएगा, इस पर मंत्री ने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर सर्वश्रेष्ठ तरीके से चर्चा हुई है।’’

आरएसएस की विचारधारा कथित तौर पर थोपने की कोशिश को लेकर राजग सरकार की हो रही आलोचना पर शर्मा ने कहा कि भारत के लोगों ने नरेंद्र मोदी को बड़ा जनादेश दिया है और व्यवस्थागत बदलाव लाने में कुछ भी गलत नहीं है।

शर्मा ने कहा, ‘‘आरएसएस की विचारधारा क्या है, क्या यह राष्ट्र विरोधी है? क्या आरएसएस का कोई प्रमुख राष्ट्र विरोधी रहा है? क्या वे चरमपंथी हैं? आरएसएस की विचारधारा में गलत क्या है? मैं पिछले 40 साल से आरएसएस से जुड़ा हूं। वे कभी राष्ट्र विरोधी बातें नहीं करते।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यदि किसी ने भगवाकरण किया है तो वह इस देश की 125 करोड़ जनता ने किया है, जिसने हमें भारी जनादेश दिया। वे जानते थे कि आरएसएस क्या है, भाजपा क्या है। उन्होंने हमें देश चलाने के लिए जनादेश दिया है।’’