भारत के मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) द्वारा रविवार (25 नवंबर, 2018) को संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर डिनर का आयोजन किया गया। इसमें देश के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता दिया गया। भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और नेपाल के मुख्य न्यायधीश भी सीजेआई इंडिया के डिनर में मौजूद थे।। ये सभी बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए हुए थे। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रात्रि भोज से जुड़ी कुछ तस्वीरें उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी शेयर की है। तस्वीरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रंजन गोगोई के एक साथ देखा जा सकता है। उप राष्ट्रपति नायडू भी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के साथ नजर आ रहे हैं।
दरअसल साल 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाने के लिए 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है। खास बात यह है कि शायद ऐसा पहली बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट कॉम्प्लेक्स में आयोजित किसी कार्यक्रम में भाग लिया हो। वहीं उप राष्ट्रपति ने मामले में ट्वीट कर लिखा, ‘संविधान दिवस समारोहों की पूर्व संध्या पर सीजेआई द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भाग लिया। पड़ोसी देशों के मुख्य न्यायाधीशों से मुलाकात और बातचीत करके अच्छा लगा।’
Attended the dinner hosted by the Chief Justice of India on the eve of Constitution Day Celebrations. Delighted to have met and interacted with Chief Justices from neighboring countries. #ConstitutionDay pic.twitter.com/xJ6JLXNihH
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) November 25, 2018
बता दें कि सोमवार को सीजेआई ने साफ शब्दों में कहा कि संविधान के सुझावों पर ध्यान देना उनके सर्वक्षेष्ठ हित हैं और अगर ऐसा नहीं किया तो अराजकता तेजी से बढ़ेगी। यह बात उन्होंने संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। कार्यक्रम में मौजूद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संविधान स्वतंत्र भारत का आधुनिक ग्रंथ है। संविधान नागरिकों को सशक्त करता है, वहीं नागरिक भी संविधान का पालन कर उसे मजबूत बनाते हैं। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी संविधान दिवस की बधाई दीं। पीएम ने एक ट्वीट के जरिए लिखा, ‘हमें अपने संविधान पर गर्व है और इसमें उल्लेखित मूल्यों को बरकरार रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।’