कांग्रेस ने कहा कि नेहरु संग्रहालय एवं पुस्तकालय के निदेशक महेश रंगराजन का इस्तीफा सरकार द्वारा डाले जा रहे ‘‘असहनीय दबाव’’ का नतीजा था। पार्टी ने आरोप लगाया कि उनके ‘‘हटाए’’ जाने के पीछे आरएसएस का दबाव है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बदले की राजनीति को जारी रखना है। 24 घंटे पहले ही एनएमएमएल की पूरी प्रख्यात परिषद ने रंगराजन को उनके उत्कृष्ट काम के लिए बधाई दी थी और उनके हटाए जाने का विरोध किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन नागपुर से भारत के सबसे बड़े रिमोट कंट्रोल ने दूसरी ही घोषणा कर दी और आपने 24 घंटे से भी कम समय में परिणाम देख लिए।’’ उनकी यह टिप्पणी तब आयी जबकि सरकार ने रंगराजन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
रंजराजन का इस्तीफा संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के इस बयान की पृष्ठभूमि में दिया गया कि संप्रग सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति और 10 वर्ष की अवधि के लिए किया जाना गैरकानूनी था।