पूर्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता तारिक अनवर ने शनिवार (27 अक्टूबर) को करीब 19 साल बाद दोबारा कांग्रेस का दामन थाम लिया। करीब दो दशक बाद तारिक अनवर के वापस कांग्रेस में शामिल होने के कुछ घंटे बाद पार्टी ने अन्य नेताओं से भी गृह-वापसी की अपील की। तारिक अनवर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए। अनवर 1999 में राकांपा प्रमुख शरद पवार और कुछ अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस से अलग हुए थे।
वे सोनिया गांधी के विदेशी मूल को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनका विरोध कर रहे थे। पार्टी ने दोनों नेताओं के हाथ मिलाते हुए उनकी तस्वीर पोस्ट करते हुए ट्विटर पर कहा कि राहुल गांधी ने अनवर का कांग्रस परिवार में स्वागत किया। तारिक अनवर बिहार के कटिहार लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं। उन्होंने 28 सिंतबर को राकांपा और लोकसभा की सदस्यता छोड़ी। उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार द्वारा राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने से नाराज थे।
कांग्रेस मुख्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान मौजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, “अनवर ने गांधी से मुलाकात की और फिर वह पार्टी में शामिल हो गए।” गहलोत ने कहा कि देश में जिस तरह का माहौल बना है उससे ज्यादा से ज्यादा लोग कांग्रेस में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, “सिर्फ दो लोग देश चला रहे हैं।”
करीब एक महीने पहले राकांपा छोड़ने पर तारिक ने कहा था कि उन्होंने पार्टी प्रमुख शरद पवार द्वारा राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के बयान से असहमत होने के कारण यह कदम उठाया है। उन्होंने यहां मीडिया से कहा, “मैं राकांपा और यहां तक कि लोकसभा सदस्यता से भी इस्तीफा देता हूं, क्योंकि मैं राफेल सौदे में मोदी को समर्थन देने वाले शरद पवार के बयान से पूरी तरह असहमत हूं।” पवार ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि लोग निजी स्तर पर इस मामले में मोदी की संलिप्तता के बारे में सोचते हैं, जिसपर पार्टी के महासचिव अनवर ने कहा, “प्रधानमंत्री पूरी तरह से राफेल सौदे में संलिप्त हैं।”
