दिल्ली विश्वविद्यालय में एक सेमिनार में देश भर के विश्वविद्यालयों के करीब 100 शिक्षक ‘औपनिवेशिक तरीकों’ को पीछे छोड़ कर ज्ञान प्रदान करने तथा छात्रों में ‘राष्ट्रीय मूल्य’ डालने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से कुछ सबक सीखने वाले हैं।  संघ डीयू के हंसराज कॉलेज में ज्ञान संगम नाम से 25-26 मार्च को दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन कर रहा है। सेमिनार में ‘शिक्षण प्रणाली को औपनिवेशिक मूल्यों से कैसे मुक्त करें और उनमें राष्ट्रीय मूल्य कैसे स्थापित करें’ सहित अन्य विषयों पर होने वाली परिचर्चा में संघ प्रमुख मोहन भागवत और इसके संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल सहित अन्य लोग शामिल होंगे।

कार्यक्रम की अवधारणा नोट में कहा गया है कि विदेशी तत्त्वों ने भारत की हजारों बरसों पुरानी शिक्षा प्रणाली और इसके केंद्रों को नष्ट कर दिया, हमारे पुस्तकालयों को जला दिया और भारतीय ज्ञान परंपरा का अपमान किया। इसमें कहा गया है कि एक ओर जहां तुर्क और मुगल हमलावरों ने हमारे मंदिर नष्ट कर दिए, वहीं अंग्रेजों ने एक ऐसी शिक्षा प्रणाली स्थापित की जिसमें लोगों का भारतीय शिक्षा प्रणाली से भरोसा उठ गया। इसमें कहा गया है कि भारत को एक सामाजिक एवं बौद्धिक नजरिए को विकसित करना होगा जो इसकी मौजूदा पीढ़ी की समस्याआें को हल करने में सक्षम होगा। ‘हमें छात्रों को औपनिवेशिक मूल्यों से मुक्त करना होगा और उनमें राष्ट्रीय मूल्य डालना होगा’। संघ से जुड़े करीब 100 शिक्षक और विभिन्न विश्वविद्यालयों से संघ कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में भ२२२ाग लेंगे। इसमें राजनीति विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय संबंध, इतिहास, पुरातत्व विज्ञान, विज्ञान, समाजशास्त्र, संचार, थियेटर, साहित्य और अर्थशास्त्र पर चर्चा होगी।