कोरोनावायरस महामारी के बीच लगाए गए लॉकडाउन की वजह से दिल्ली समेत देशभर में मेट्रो सेवाओं को बंद कर दिया गया था। हालांकि, पांच महीने बाद सरकार ने अनलॉक-4 की गाइडलाइंस में मेट्रो रेल को चलाने की छूट दी है। इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने भी दिल्ली मेट्रो सेवा को चलाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन प्रतिबंधों के तहत अब मेट्रो में सफर करने वाले लोग टोकन नहीं ले सकेंगे। साथ ही हर कोच में सफर करने वाले लोगों की संख्या भी सीमित होगी। अधिकारियों ने अभी कोच में अधिकतम यात्रियों की संख्या का खुलासा नहीं किया है, पर मेट्रो के छह डिब्बों की कुल क्षमता 1800 से 2000 पैसेंजर्स की होती है। कई अन्य नियमों के साथ मेट्रो के एयर कंडीशनिंग सिस्टम को बदलने की बात कही गई है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक, मेट्रो सेवा को चलाने के तरीके में कई बदलाव होने जा रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख कोचों के अंदर ताजी हवा का प्रवाह है। इसके लिए हम एयर कंडीशन सिस्टम को रेनोवेट कर के ऐसा इंतजाम करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा ताजी हवा ही रहे। इसके अलावा मेट्रो के अंदर सबसे बेहतर तापमान पर भी जल्द फैसला होगा।
स्टेशनों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की योजना: मंत्री गहलोत ने बताया कि अब मेट्रो हर स्टेशन पर नहीं रुकेंगी और अब मेट्रो स्टेशनों को अलग-अलग फेजों में खोलने की योजना है। जो मेट्रो स्टेशन कंटेनमेंट जोन्स में होंगे, उन्हें बंद ही रखा जाएगा। इसके अलावा भी कुछ अन्य स्टेशनों को अभी नहीं खोला जाएगा। इसके लिए सरकार जल्द ही एक लिस्ट जारी करेगी और लोगों को खुलने वाले स्टेशनों की जानकारी दी जाएगी।
टोकन को बार-बार सैनिटाइज करना मुमकिन नहीं: स्टेशनों पर सुरक्षा के सभी नियमों का कड़ाई से पालन होगा। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और थर्मल चेकिंग भी की जाएगी। स्टेशनों पर ही हैंड सैनिटाइजर भी मुहैया होगा। इसके अलावा टोकन सिस्टम बंद कर दिया जाएगा, क्योंकि कोरोना फैलने का खतरा इससे बढ़ा रहेगा। साथ ही टोकनों को बार-बार सैनिटाइज भी नहीं किया जा सकेगा। लोगों को सिर्फ स्मार्ट कार्ड और रिचार्ज के अन्य माध्यम से ही मेट्रो में यात्रा की अनुमति होगी।
गौरतलब है कि दिल्ली में मेट्रो सेवाएं 22 मार्च से ही स्थगित हैं, जिस दिन कोरोना वायरस के मद्देनजर जनता कर्फ्यू लगाया गया था। सूत्रों के मुताबिक उसे अब तक लगभग 1,300 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। पिछले हफ्ते ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से अपील की थी कि राजधानी की मेट्रो को अलग तरह से देखा जाए और इसे फेजवार तरीके से शुरू करने की मंजूरी दी जाए।

